जांजगीर : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण से इस लड़ाई में हमने बहुत सारे फ्रंट लाइन वॉरियर को खोया है। तमाम ऐसे भी हैं, जो अपने घर से बाहर हमारे लिए निकले, लेकिन फिर लौट नहीं सके। ऐसे में जांजगीर पुलिस ने अपने जवानों के लिए एक कदम और आगे बढ़ाया है। पुलिस लाइन में कोविड अस्पताल का निर्माण कराया गया है। खास बात यह है कि प्रदेश का यह पहला कोविड अस्पताल है जो पुलिसकर्मियों के साथ उनके परिवार के लिए है। अस्पताल में 20 बेड की सुविधा दी गई है। इसमें 10 बेड ऑक्सीजन सपोर्ट और 10 सामान्य मरीजों के लिए हैं। कोविड केयर सेंटर के संचालन के लिए जांजगीर जिला अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल टीम की सहायता ली गई है। खास बात यह है कि सुविधा का फायदा निचली रैंक के पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों को मिलेगा। छोटे स्टाफ क्वार्टर होने के कारण होम आइसोलेशन के दौरान उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पुलिसकर्मी पिछली बार से ही कोरोना फ्रंटलाइन वॉरियर के रूप में अपनी सेवाएं सड़कों पर दे रहे हैं। इस दौरान कई पुलिसकर्मी खुद भी पॉजिटिव हुए और उनके परिवारों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इस दौरान तीन पुलिस जवानों की मौत भी हो चुकी है। इनमें शक्ति थाने में पदस्थ कांस्टेबल पुष्पेंद्र चंद्रा, SP ऑफिस में पदस्थ पुरुषोत्तम राठौर और पामगढ़ थाना प्रभारी किसनु प्रसाद टंडन शामिल हैं। इसे देखते हुए अस्पताल खोला गया है।
पुलिसकर्मियों को त्वरित उपचार मिले, ऐसी व्यवस्था कर रहे
विषम परिस्थितियों में भी हमारे अधिकारी, कर्मचारी लगातार लॉकडाउन में ड्यूटी कर रहे हैं। इस दौरान संक्रमित होने पर उनकी त्वरित चिकित्सा के लिए सुविधा बढ़ाई गई है। इस कोविड अस्पताल में पुलिसकर्मियों के साथ उनके परिजनों भी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। आगे जरूरत और संसाधन के अनुसार, सुविधाओं में विस्तार किया जाएगा।
– पारुल माथुर, SP, जांजगीर-चांपा

