समैया पागे/बीजापुर : कोरोना संक्रमण पूरे देश प्रदेश में एक विकराल रूप धारण कर चुका है,केंद्र व राज्य सरकार कोरोना संक्रमण के प्रकोप से बचाव व नियंत्रण हेतु लगातार प्रयासरत भी है ।एक ओर बीजापुर जिले में भी प्रशासन द्वारा लॉकडाउन कर क्षेत्र के आमजन को कोविड-19 के नियमों का पालन परिपालन करने हेतु शक्ति भी बरती जा रही है ,तथा क्षेत्र की जनता भी नियमों का पालन करते हुए अपने आप को घरों में रहकर अनावश्यक न घूमते हुए सुरक्षित महसूस कर रहें है। वंही इस अभियान में पुलिस प्रशासनअधिकारी कर्मचारी एवं स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम तथा शिक्षा विभाग ,राजस्व विभाग एवं नगर परिषद टीम पूरी मुस्तैदी के साथ विषम परिस्थितियों में भी अपने परिवार की चिंता किये बगैर अपनी जान जोखिम में रख कर अग्रिम पंक्ति में इस वक़्त खड़े रहकर बीजापुर जिले को कोरोना प्रकोप से बचाव व नियंत्रण हेतु अपनी अपनी सेवाएं दे रहें है जो अंतर्मन से बधाई के पात्र है ।निसन्देह जिला प्रशासन भी कोरोना प्रकोप को लेकर लॉकडाउन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिया कोरोना का आंध्रा म्यूटेंट नया स्ट्रेन का तेलंगाना/महाराष्ट्र में अत्यधिक प्रभाव को देखते हुए तेलंगाना/महाराष्ट्र सीमा क्षेत्रों को नाकेबंदी कर सघन जांच करवाने में काफी गम्भीरता व सजगता दिखाई ।किंतु ऐसा क्या मोह था , तेंदुपत्ता ठेकेदारों व उनके सहयोगियों के प्रति कि कोविड नियमों का पालन/परिपालन किये बगैर क्षेत्र व जिला मुख्यालय में बेखौफ घूमने की इजाज़त दे दिया।यह बात सत्य है कि तेंदूपत्ता संग्रहण यंहा के गांव,गरीब,आदिवासी भाइयों का जीवन-यापन की बहुत बड़ी साधन व आधार है।किंतु वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर उनके जीवन को सुरक्षित करने का दायित्व भी प्रशासन व वनविभाग का है ।
कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों की वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए कोरोना की दूसरी लहर के बीच आंध्रा म्यूटेंट का नया स्ट्रेन मिलने से जंहा लोगो मे खौफ है ,जो मौजूदा स्ट्रेन के मुकाबले नया वेरिएंट कई गुणा ज्यादा खतरनाक है। इस बात की वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों की पुष्टि भी हो चुकी है,इसका असर भी विगत दिनों तेलंगाना से आये लोहंडीगुड़ा क्षेत्र के युवक की नया स्ट्रेन पाए जाने से मौत होना पश्चात बस्तर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने चिंता जाहिर किया और पूरे बस्तर संभाग के जिलों को हाई अलर्ट घोषित किया गया है।बावजूद इसके बीजापुर जिले के वनविभाग व जिला प्रशासन ने तेलांगाना और महाराष्ट्र से आये हुए तेंदूपत्ता ठेकेदारों व उनके सहयोगियों को कोविड-19के प्रोटोकॉल का पालन किये बिना उन्हें अपने अपने कार्य क्षेत्रों में भेजा गया।जबकि कोरोना संक्रमण के भीषण प्रकोप से सम्पूर्ण देश जूझ रहा है ऐसे वक्त सर्वविधित है,कि कोविड नियमों का पालन कर अपना आरटी पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट 72 घण्टे पूर्व का तेलंगाना/महाराष्ट्र से लेकर इस जिले में तेंदूपत्ता तोड़ाई प्रारंभ के पूर्व निर्धारित समय से प्रवेश कर कोरोना नियमों का पालन में इस जिले में भी कोरोना मापदण्डो के मुताबिक क्वारन्टीन होते और यंहा का RT PCR टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर उन्हें अनुमति दिया जाता तो नया स्ट्रेन का खतरा नही रहता ।जिसकी जिम्मेदारी वन विभाग के मण्डल अधिकारी एवं जिला प्रशासन का था ।परंतु ऐसा न कर तेंदूपत्ता ठेकेदारों व उनके सहयोगियों को लॉकडाउन के नियमों का उचित पालन न कराकर उन्हें खुला छूट दे दी गई । जो कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन को आमंत्रण जैसा है । इस विषय पर क्षेत्रीय विधायक का भी किसी प्रकार का संज्ञान नही लेना परिलक्षित होता है ,कि उन्हें अपने क्षेत्र के प्रति कितनी संवेदना है । ऐसे संवेदनशील विषयों पर मौन रहना विधायकजी की मौन स्वीकृति को दर्शाता है।
राज्य सरकार व जिला प्रशासन से मेरी मांग है,कि इस क्षेत्र के गांव,गरीब आदिवासी भाइयों का तेंदूपत्ता संग्रहण कोविड नियमों के मापदंडों का पूर्णतया पालन करते हुए किया जायें और तेंदूपत्ता संग्राहकों को कोरोना प्रकोप से बचाव व सुरक्षित रखें।तथा कितने ठेकेदार व उनके सहयोगी जो बीजापुर जिले में प्रवेश किये उनकी सूची व उनके मेडिकल रिपोर्ट्स यदि क्वारन्टीन किये तो किन-किन केंद्रों में और कितने दिन एवं उनके आर टी.पीसीआर रिपोर्ट्स और उनकी वर्तमान स्थिति, को सार्वजनिक किया जाये। और यदि ऐसा नही तो इस क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर में आया नया स्ट्रेन पाया जाता है तो इसकी पूर्णतः जवाबदेही संबंधित अधिकारी एवं तेलंगाना महाराष्ट्र के ठेकेदारों की होगी ।