(रायपुर ब्यूरो ) | प्रतिष्ठित मालगुजार पंडित गंगा प्रसाद तिवारी के प्रथम पौत्र एवं पंडित कुंजलाल तिवारी के ज्येष्ठ पुत्र पंडित विश्वनाथ शर्मा का जन्म गौरव ग्राम चचेड़ी में 20 नवंबर 1931 को हुआ था | पंडित गंगा प्रसाद तिवारी के 4 पुत्र और 1 पुत्री एवं 15 पौत्र एवं 10 पौत्री थे उन सभी भाइयों में पंडित विश्वनाथ शर्मा सबसे बड़े थे उनका विवाह ग्राम केसतरा के प्रतिष्ठित तिवारी परिवार के श्रीमती रामबाई तिवारी से लगभग 1950 – 51 में हुआ था | श्रीमती शर्मा अपने मृदुभाषी एवं बेबाक बातों के लिए जानी जाती रही शर्मा दंपत्ति के अपने संतान नहीं होने के बाद भी उन्होंने दो बेटियों की विवाह और कई बच्चों के व्रतबंध संस्कार अपने खर्चे से किए और उत्साह एवं भव्यता से अपने निज निवास में संपन्न कराए एवं उनके जीवन पर्यंत तक उनके भाई एवं भतीजे उनके सामने अपनी बातों को रखने में संकोच करते थे उनके रहते सभी परिजन द्वारा उनके मान मर्यादा बनाए रखें और वह स्वयं भी पूरे तिवारी परिवार के सुख-दुख के कार्य में सबसे आगे रहकर कार्य व्यवस्था की जानकारी रखा करते थे और कार्य को सफल बनाने में स्वयं जुटे रहते थे अब उनके नहीं रहने से परिवार में निस्वार्थ प्रेम भाव के साथ एकजुटता रखने वाले कर्मठ व्यक्तित्व कि परिवार में शून्यता की झलक दिख रही है इसकी कमी की पूर्ति हम परिवार के सभी सदस्यों के लिए दुःख एवं चिंता का विषय है ?? वे अपने युवा अवस्था से तेजतर्रार एवं समाजिक , राजनीतिक कार्यों में सक्रिय रहे आजादी के बाद देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुआ तब श्री शर्मा ग्राम पंचायत चचेड़ी के प्रथम सरपंच चुने गए और आगे कई वर्षों तक वह ग्राम पंचायत के सरपंच रहे एवं क्षेत्र के प्रभावशाली कांग्रेस नेता के रूप में कार्य करते रहे उनका राजनीतिक संपर्क वर्तमान के जिले और प्रदेश के शीर्ष नेता जैसे पूर्व मंत्री मध्यप्रदेश सरकार पंडित किशोरी लाल शुक्ला खैरागढ़ राज परिवार के तत्कालीन मंत्री रानी पद्मावती , पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित विद्या चरण शुक्ला , पूर्व मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश पंडित श्यामाचरण शुक्ला , पंडित लक्ष्मण प्रसाद वैद्य , पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश मोतीलाल वोरा से निकट के संबंध एवं सतत संपर्क उनका बना रहा बाद में 1980 से 2020 तक तत्कालिक कांग्रेस भाजपा के नेताओं से भी उनका अपना व्यक्तिगत संबंध बनाए रखें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी पूर्व मंत्री धनेश पाटिला एवं स्थानीय नेता पूर्व विधायक हमीदुल्लाह खान , पूर्व विधायक बलराम बैस , पूर्व विधायक गंगा प्रसाद उपाध्याय , कवर्धा राज परिवार के राजा विश्वराज सिंह , रानी शशिप्रभा देवी , खैरागढ़ राज परिवार के तत्कालीन सांसद रहे शिवेंद्र बहादुर सिंह , पूर्व खैरागढ़ विधायक रश्मि देवी सिंह , पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक गीता देवी सिंह खैरागढ़ विधायक एवं पूर्व सांसद देवव्रत सिंह कवर्धा के राजा पूर्व विधायक योगीराज सिंह , विधायक धर्मजीत सिंह से भी उनका निजी एवं मधुर संबंध था | इसी प्रकार प्रशासनिक अधिकारी आईएएस , आईपीएस के दर्जनों अफसरों सहित जिले के प्रसिद्ध डॉक्टरों एवं वकीलों से उनका अपना व्यक्तिगत संबंध रहा | अपने सरपंची काल में ग्राम पंचायत चचेड़ी में 60 के दशक में पूर्व माध्यमिक शाला एवं आयुर्वेदिक चिकित्सालय का प्रारंभ करवाया तत्कालीन खैरागढ़ राज परिवार के रानी पद्मावती मंत्री मध्यप्रदेश शासन के कर कमलों से शुभारंभ करवाया गया था | उसके पश्चात ग्राम पंचायत चचेड़ी में साप्ताहिक बाजार , पोस्ट ऑफिस एवं कांजी हाउस का शुभारंभ भी उनके कार्यकाल उनके विशेष सक्रियता से हो पाया था | ग्राम विकास में गांव की जनसंख्या बढ़ने पर आवासीय प्लाट का बहुत प्लानिंग के साथ लगभग 100 आवासीय प्लाट जरूरतमंद सभी वर्ग के लोगों को वितरित किये उस समय ग्राम पंचायत चचेड़ी में 10 से 12 गांव पंचायत क्षेत्र में आता था और लगभग 1970 के दशक में बिजली की व्यवस्था के तहत बिजली से ग्राम चचेड़ी प्रकाशित हुआ | ग्राम पंचायत के आश्रित ग्रामों में जल आपूर्ति के तहत तालाब , कुआं का भी निर्माण करवाया और 80 के दशक में कवर्धा में आकर निवास करने लगे | तब से जीवन पर्यंत तक पारिवारिक सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में सतत अपनी उपस्थिति दर्ज करते रहे और अपने गांव क्षेत्र परिवार की चिंता कर और उसकी समाधान के लिए स्वयं होकर संबंधित से चर्चा करने के प्रयास करते थे और गांव के विकास कार्यों के लिए शासन प्रशासन के अधिकारी , मंत्री से क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए सतत प्रयासरत रहे कवर्धा आने के बाद भी अपने दिनचर्या के तहत शहर के सभी वर्गों जैसे सामाजिक , राजनीतिक , व्यापारीयों , अधिकारीयों , एवं कर्मचारीयों से उन्होंने नित्य और सतत संपर्क बनाए रखा | पंडित विश्वनाथ शर्मा हनुमान जी के अनन्य भक्तत थेे | वे अपने दिनचर्या में स्नान के बाद नित्य हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड का संपूर्ण पाठ करते रहे एवं गांंव मैंं आध्यात्मिक कार्य में भी सदा तत्पर रहते 70 के दशक मेंं ही प्रख्यात मानस मर्मज्ञ पंडित रामकिंकर उपाध्याय को ग्राम चचेड़ी लेकर आए और आपने आध्यात्मिक गुरु बनाएं उसके पश्चात श्री उपाध्याय से सतत जुड़े रहे जहां कहीं भी उनका आध्यात्मिक प्रवचन होता वहांं वे जाया करते थे | ग्राम चचेड़ी मेंं महामाया देवी के मंदिर केेे पुनर्निर्माण सहित ग्राम के हनुमान मंदिर का भी कुुुछ वर्ष पूर्व पुनर्निर्माण करवाए थे | पंडित विश्वनाथ शर्मा एवं श्रीमती राम भाई शर्मा लगभग 70 वर्षों के दांपत्य जीवन साथ बिताए जीवन यात्रा में सुख-दुख में साथ रहने एवं जीवन के अनंत यात्रा में साथ जीने एवं एक साथ परलोक गमन की बात समय-समय पर करते थे | जीवन की अंतिम यात्रा भी लगभग 48 घंटों के अंतर में परलोक गमन के अपने वचन को निभाया और परलोक सिधार गए | श्री शर्मा हनुमान जयंती (प्रकटोत्सव ) 27 अप्रैल 2021 को श्री राम भक्त हनुमान के श्री चरणों में सदैव के लिए समाहित हो गए |