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झोलाछाप डॉक्टर वैक्सीन के बीच रोड़ा जनप्रतिनिधी से कार्यवाही कराने की मांग

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टीकम निषाद/देवभोग : वैक्सीन टीका की संख्या में कमी आने का कारण झोलाछाप डॉक्टरों को भी माना जा रहा है क्योंकि यह डॉक्टर अधिकांश पीड़ितों को अस्पताल तक पहुंचने ही नहीं दे रहे हैं बुखार सर्दी खांसी जैसे अन्य बीमारी का घर पहुंच कर इलाज कर रहे हैं या फिर अपनी निजी क्लीनिक ऊपर बिना कोरोना के गाइडलाइन का पालन करें दवाई दिया जा रहा है बकायदा इसकी शिकवा शिकायत भी शुरू हो गई है बीते दिन जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भाव सिंह साहू और जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम के अस्पतालों में निरीक्षण करने के दौरान ग्रामीणों द्वाराझोलाछाप डॉक्टरों की इलाज और व्यक्ति के लिए मना करने के बात कही साथ ही ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम लगाने के लिए भी आग्रह किया जिसके बाद भाव सिंह और संजय नेताम ने यह कहते हुए आश्वासन दिया कि शासन एवं जिला प्रशासनिक अधिकारी द्वारा तमाम कोशिश किया जा रहा है कि अंतिम व्यक्ति को वैक्सीन टीका लगाया जाए और वह व्यक्ति को रोना काल में पूरी तरह सुरक्षित रह सके इसके लिए बकायदा कांग्रेस के नेता भी जमीन पर काम कर रहे हैं ऐसे में वैक्सीन टीका के बीच झोलाछाप डॉक्टरों का अरोड़ा बन्ना बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा इसके लिए गरियाबंद सीएचएमओ से मिलकर कार्यवाही के लिए कहने की बात कही है ताकि 7% लोगों को निडर होकर वैक्सिंग टीका लगाया जाए दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि चंद पैसे कमाने की लालच में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा कोरोना का फैलाव किया जा रहा है क्योंकि पूर्णा से पीड़ित परिवारों का इलाज भी झोलाछाप डॉक्टर सबके बीच करते देखा जा सकता है जबकि कोरोना पॉजिटिव के अधिकांश परिजन नहीं कराते शायद यही वजह है कि कोरोना पॉजिटिव की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और देवभोग उरमाल गोहरापदार सहित अन्य इलाकों में सैकड़ों की तादाद पर ऐसे प्रैक्टिशनर पाए जाते हैं जो वर्षों से आम मरीजों की जिंदगी को खतरे में डालकर इलाज कर रहे हैं इन दिनों को मेडिकल से झोला भर भर कर दवाई ले रहे हैं जिनमें ग्लूकोस बॉटल हाई एंटीबायोटिक इंजेक्शन के साथ अन्य दवाई लेकर ग्रामीणों का इलाज कर रहे हैं जिसके विरूद्ध कार्यवाही तो दूर की बात है शायद आमला ऐसे झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक तक पहुंचने की जहमत नहीं उठाते l
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