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कोरोना की तीसरी लहर का भी डर, तय करें न हो ऑक्सीजन की कहीं कमी- केंद्र से सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों को केंद्र द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति से संबंधित मामले की सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने कहा कि केंद्र, सुप्रीम कोर्ट को यह बताए कि वह दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन कैसे देगा. इस पर सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फिलहाल दिल्ली के अस्पतालों में जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन का भंडार है. एसजी ने कहा कि राजस्थान, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य भी अपने अस्पताल की मांगों को पूरा करने के लिए अधिक ऑक्सीजन की मांग कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान केंद्र ने विभिन्न राज्यों को ऑक्सीजन की खरीद और आपूर्ति पर सुप्रीम कोर्ट को अपनी विस्तृत योजना पेश की. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र को पूरे देश के आधार पर ऑक्सीजन आपूर्ति के मुद्दे को देखना होगा. जज ने कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट पर भी गौर करने की जरूरत है.

तीसरी लहर की आशंका पर चिंतित दिखा कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करे कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर अफरातफरी ना मचे. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको दिल्ली में 700 एमटी ऑक्सीजन देनी होगी. फिलहाल हमारे स्वास्थ्यकर्मी बिल्कुल थक गए हैं. आप बेहतर स्वास्थ्य सेवा कैसे सुनिश्चित करेंगे?
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार भारत में कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी. जब बच्चा कोविड अस्पताल जाएगा तो मां और पिता भी जाएंगे. इसीलिए इस समूह के लोगों के लिए टीकाकरण करना होगा. हमें वैज्ञानिक तरीके से इसके लिए योजना बनाने की जरूरत है और इस प्रकार व्यवस्था करनी चाहिए.

अवमानना की कार्यवाही पर लगाई रोक

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए 700 मीट्रिक टन चिकित्सीय ऑक्सीजन आपूर्ति करने के निर्देश का अनुपालन नहीं करने पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई अवमानना की कार्यवाही पर बुधवार को रोक लगा दी. न्यायालय ने कहा, ‘अधिकारियों को जेल में डालने से ऑक्सीजन नहीं आएगी और जिंदगियों को बचाने की कोशिश होनी चाहिए.’

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