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पंचतत्व में विलीन हुए दीपक कर्मा, PPE किट पहनकर 12 साल के बेटे आयुष ने दी अपने पिता के शव को मुखाग्नि

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​​​​​​दंतेवाड़ा : बस्तर टाइगर शहीद महेंद्र कर्मा और दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा के सबसे बड़े बेटे दीपक कर्मा गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। PPE किट पहनकर परिजनों ने उनके दर्शन किए। इसके बाद 12 साल के बेटे आयुष ने अपने पिता के शव को मुखाग्नि दी। कोरोना संक्रमण के चलते सुबह ही उनका रायपुर स्थित MMI अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया था। दीपक कर्मा छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के महासचिव भी थे। रायपुर से दोपहर करीब 2 बजे कांग्रेस नेता दीपक कर्मा का पार्थिव शरीर एंबुलेंस से उनके गृहग्राम फरसपाल लाया गया। इस दौरान उनके अंतिम दर्शन के लिए सीमति संख्या में परिवार के अन्य सदस्य और गांव के लोग पहुंचे थे। इस दौरान परिजनों को प्रशासन की ओर से PPE किट पहनाई गई। इसके बाद उन्हें शव सौंपा गया। वहां मौजूद हर किसी की आंखे नम थी। इसके बाद अपने चाचा आशीष, छवींद्र, दिव्य राज के साथ बेटे ने अंतिम संस्कार किया।

संक्रमण के कारण मां और पत्नी को शव से दूर रखा गया
दीपक कर्मा के निधन से विधायक व मां देवती कर्मा और पत्नी रमा कर्मा का रो-रो कर बुरा हाल था। उन्हें संक्रमण के कारण दूर से ही दर्शन कराए गए। मां देवती कर्मा बिलख कर कहती रहीं, एक बार मेरे जिगर के टुकड़े को सीने से लगाने दो। पर यह संभव न हो सका। वहीं पत्नी रमा कर्मा कह रही थी, जिंदगी के सफर में तुमने मुझे अकेला छोड़ दिया दीपक। भाई छविंद्र, आशीष और दिव्यराज कर्मा का भी रो-रो कर बुरा हाल था।

आखिरी बार भाई की कलाई पर राखी बांधना चाहती थी उनकी लाडली बहन
दीपक कर्मा की लाडली बहन आंचल अपने भाई की कलाई पर राखी बांधना चाहती थी। इसके लिए वह PPE किट पहने और हाथ में रक्षा की डोर लिए हुई थी, लेकिन कोरोना के कारण यह नहीं हो सका। उसे दीपक के शव के पास तक नहीं जाने दिया गया। आंचल पांच बहनों में सबसे छोटी है। हालांकि राखी को पार्थिव शव के ऊपर रखवा दिया गया। दूर से ही अन्य बहनों तूलिका, वर्षा, सुलोचना व बिन्नी ने भी दर्शन किए।

दीपक का जाना परिवार के साथ क्षेत्र की राजनीति के लिए बड़ा झटका
अंतिम दर्शन करने पहुंचे बस्तर सांसद दीपक बैज भी ने कहा कि दीपक के निधन ने पहुंच दुख हुआ है। केवल 44 साल की उम्र में ही उन्होंने संसार छोड़ दिया। उनका अचानक चले जाना कर्मा परिवार सहित प्रदेश की राजनीति के लिए एक बड़ा झटका है। दीपक काफी मिलनसार और कुशल नेतृत्व के धनी थे। उन्हें युवा पीढ़ी बहुत ज्यादा पसंद किया करती थी। अंतिम दर्शन के लिए PCC चीफ मोहन मरकाम, विधायक चंदन कश्यप, राजमन बेंजाम भी पहुंचे।

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