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कोरोना काल-कांकेर बेहाल! आपदा को अवसर बना रहे हैं व्यापारी……मरीज़ बढ़ रहे किराना के दाम भी बढ़ रहे…!

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अक्कू रिजवी/कांकेर : चिकित्सा सुविधाओं के मामले में जिला उत्तर बस्तर कांकेर हमेशा से पिछड़ा हुआ रहा है और आज भी यहां वे सुविधाएं नहीं हैं,जो छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों में हैं। सरकार सुविधाएं बढ़ाती है लेकिन स्टाॅफ नहीं बढ़ाती ।जोगी जी के समय में टेलीमेडिसिन की सुविधा दी गई । लेकिन जानकार ऑपरेटर नहीं दिया।आई सी यू दिया तो ताला लगा हुआ दिया जो बरसों नहीं खुला । बघेल जी की सरकार ने डायलिसिस मशीन की व्यवस्था की लेकिन विशेषज्ञ नहीं दिया। वर्तमान स्टाॅफ किसी तरह अस्पताल का काम चला रहे हैं जहां अनेक प्रकार की दवाओं तथा सुविधाओं का अभाव है विगत दिनों शहर के जाने-माने समाज सेवक अजय पप्पू मोटवानी ने जिला अस्पताल की असुविधाओं के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया था। किंतु स्थिति कुछ बदली हो ऐसा नहीं लगता। कोविड-अस्पताल की स्थापना की गई है ,जो इमली पारा में है, लगभग शहर के बाहरी हिस्से में, जहां क्या हो रहा है, इसका अता पता कुछ भी नहीं चलता। अस्पताल के दो फोन नंबर हैं लेकिन फोन करो तो कोई उठाता नहीं ।अस्पताल में 40 से 50 तक कोविड- पीड़ित रह रहे हैं लेकिन उनसे कुछ पता चलना मुश्किल है। इस प्रतिनिधि ने कई बार कोविड अस्पताल  को फोन कर सही स्थिति जानने की कोशिश की लेकिन यदि कोई फोन नहीं उठाने की कसम खाए बैठा है तो पत्रकार क्या कर सकते हैं? हालात ये हैं कि शहर कांकेर तथा आस-पास के गांवों में कोविड-19 के मरीज़ दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं लेकिन जिन का इलाज चल रहा है, वे भी स्वस्थ नहीं हो रहे हैं।  ऐसे में कोविड-19 अस्पताल खुलने का क्या मतलब रहा?/ इसका कोई जवाब अधिकारियों के पास नहीं है! यह तो हुआ स्वास्थ्य सेवाओं का हाल । इधर लॉकडाउन का फायदा उठा रहे अधिकतर व्यापारियों ने दाल के दाम लगभग दुगने कर दिए हैं और अन्य किराना वस्तुओं के दाम भी मौका पाकर बढ़ा दिए हैं । विभिन्न नेताओं के शब्दों में आपदा को अवसर में बदल रहे हैं । जिस पर जिले के किसी अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है। इस संकटकाल में होना तो यह चाहिए कि व्यापारी भी देशभक्ति का परिचय दें और अपने सामानों को उचित मुनाफ़े पर  बेचें तथा सरकार द्वारा मूल्य नियंत्रण संबंधी दिए गए सुझावों का सम्मान करें लेकिन अधिकतर छोटे से लेकर बड़े व्यापारी तक अंधी कमाई में लगे हुए हैं तथा कलेक्टर द्वारा दी गई  छूट का नाजायज़ फ़ायदा उठा रहे हैं।

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