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HC में हो रही थी ऑक्सीजन पर सुनवाई, बत्रा अस्पताल में 12 मरीजों ने तोड़ दिया दम

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नई दिल्ली : कोरोना पूरे देश में तबाही मचा रहा है. हर दिन संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़ रहा है और मरने वालों की संख्या पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त कर रही है. इसके बावजूद कई लोग अब भी कोरोना को लेकर लापरवाही कर रहे हैं. तो ये खबर उनके लिए है. शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में ऑक्सीजन की किल्लत पर सुनवाई चल रही थी. इसी दौरान खबर आई कि राजधानी के बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से आठ मरीजों की जान चली गई. हालांकि बाद में ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 12 हो गया है.

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली के बत्रा अस्पताल की तरफ से ये बताया ही जा रहा था कि उनके पास बहुत कम ऑक्सीजन बची है, तभी खबर आई कि बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 8 मरीजों की मौत हो गई है, जिसमें एक डॉक्टर भी शामिल थे. हालांकि थोड़ी देर बाद बत्रा अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई भी पहुंच गई लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. अस्पताल की तरफ से जारी बयान में बताया गया है, ”हमें समय पर ऑक्सीजन नहीं मिली, दोपहर 12 बजे ही हमारी ऑक्सीजन खत्म हो चली थी और हमें डेढ़ बजे सप्लाई मिली. हमने जिंदगी गंवा दी हैं, जिसमें हमारे अपने एक डॉक्टर थे.”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मौत की खबर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘ये खबर बहुत ही ज़्यादा पीड़ादायी है. इनकी जान बच सकती थी -समय पर ऑक्सीजन देकर दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सीजन दी जाए. अपने लोगों की इस तरह होती मौतें अब और नहीं देखी जाती. दिल्ली को 976 टन ऑक्सिजन चाहिए और कल केवल 312 टन ऑक्सिजन दी गयी. इतनी कम ऑक्सिजन में दिल्ली कैसे सांस ले?

ये खबर बहुत ही ज़्यादा पीड़ादायी है। इनकी जान बच सकती थी -समय पर ऑक्सिजन देकर

दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सिजन दी जाए। अपने लोगों की इस तरह होती मौतें अब और नहीं देखी जाती। दिल्ली को 976 टन ऑक्सिजन चाहिए और कल केवल 312 टन ऑक्सिजन दी गयी। इतनी कम ऑक्सिजन में दिल्ली कैसे साँस ले?

वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ऑक्सीज सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार ने कल सुप्रीम कोर्ट में बताया कि देश में रोज़ाना 10,000 MT ऑक्सिजन बनती है जोकि 7500MT की रोज़ाना की ज़रूरत से काफ़ी सरप्लस है. दिल्ली की ज़रूरत है 976MT, फिर भी दिल्ली का कोटा 490MT और सप्लाई केवल 312MT क्यों?

सुनवाई के दौरान क्या कहा गया?

सुनवाई के दौरान बत्रा अस्पताल ने हाईकोर्ट को बताया था कि हमारे पास केवल एक घंटे की ऑक्सीजन बची है. बत्रा अस्पताल ने हाई कोर्ट से कहा कि हम हर रोज कुछ घंटे संकट में बिता रहे हैं, ये चक्र खत्म नहीं हो रहा.

इस पूरे मुद्दे पर दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा है कि दिल्ली के ऑक्सीजन टैंकरों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. दिल्ली को हर रोज संघर्ष करना पड़ रहा है. इसे जानने के लिए हमें स्क्रीन के पीछे क्या चल रहा है उसकी तह तक जाना होगा. हमारे अधिकारी हर रोज नर्वस ब्रेकडाउन की कगार पर हैं. इस बीच अधिवक्ता विराट गुप्ता ने अपनी अपील में कहा है कि वे जानते हैं कि 12 राजनीतिक पार्टियां ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग में लगी हुई हैं.

हाईकोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि ”किसी भी हाल में आज 490 MT ऑक्सीजन पहुंचनी चाहिए. अगर इसका पालन नहीं किया गया तो अदालत अवमानना की कार्रवाई कर सकती है. अगर ये काम पूरा नहीं होता है तो DPIIT के सचिव को अगली सुनवाई में अदालत के सामने हाजिर होना पड़ेगा. अब पानी सर से ऊपर चढ़ चुका है,”

बत्रा अस्पताल ने कोर्ट को बताया कि हमने एक whasapp ग्रुप पर भी ऑक्सीजन के लिए रिक्वेस्ट की, जो कल ही ऑक्सीजन सप्लायर्स, दिल्ली सरकार के अधिकारियों और अस्पतालों के प्रतिनिधियों को मिलाकर बनाया गया है. उस पर हमें रेस्पॉन्स मिला कि ‘अभी हमें डिस्टर्ब न करें’

इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बत्रा अस्पताल के MD से कहा, ”आपको शांत रहने की जरूरत है, आपके लिए गुस्सा सही नहीं, आप डॉक्टर हैं, अगर आप भी कंट्रोल खोएंगे तो बाकी लोगों का क्या होगा. सभी लोग सप्लाई चेन की बेहतरी के काम में लगे हुए हैं.”

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो शीघ्र ही बत्रा अस्पताल की मदद करे. कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद बत्रा अस्पताल को ऑक्सीजन तो भेजी गई लेकिन उससे पहले ही वहां 8 मरीज दम तोड़ चुके थे.

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