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बेमेतरा की गर्भवती नर्स की मौत का मामला : CMHO और BMO पर कार्रवाई करने की मांग तेज, संभागीय संयुक्त संचालक कोचिठ्ठी लिख स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने खोला मोर्चा

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बेमेतरा : बेमेतरा जिले में कोरोना संक्रमित एक नर्स की मौत हो गई। नर्स की मौत के बाद बेमेतरा CMHO और BMO पर कार्रवाई करने की मांग तेज हो गई है। संभागीय संयुक्त संचालक को स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने चिठ्‌ठी लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है। अपनी प्रमुख पांच मांगों के तहत विभागीय लापरवाही के संबंध में जवाब मांगा है।

नर्स की मौत के बाद संघ ने खोला मोर्चा
स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने खोला मोर्चा ने सीधे बेमेतरा CMHO और BMO पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। इससे पहले परिजनों ने भी स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया था। संघ के संभाग अध्यक्ष सुरेश पटेल ने इसके लिए संभागीय संयुक्त संचालक को चिठ्‌ठी लिखकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि साजा ब्लॉक की मृतक नर्स दुलारी ढीमर जिनके साथ शासन प्रशासन के नियमों को दर किनार करते हुए अधिकारियों के द्धारा घोर लापरवाही से ड्यूटी लगाया गया। लेकिन कोरोना संक्रमित होने के बाद उचित इलाज के अभाव में मौत हो गई। इसके अलावा संगठन ने पांच जवाब शासन-प्रशासन से मांगे हैं।

  • दुलारी ढीमर को 8 माह गर्भावस्था में मातृत्व अवकाश आवेदन लगाने के बाद क्यों नहीं दिया गया।
  • कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद गर्भवती महिलाओं के लिए उच्चाधिकारियों द्धारा उचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई।
  • कोविड-19 में शासन प्रशासन के नियमानुसार गर्भवती माता को ड्‌यूटी में छूट क्यों नहीं दिया गया।
  • निधन के बाद 50 लाख की बीमा राशि हेतु क्या कार्रवाई की गई।
  • जिला अस्पताल बेमेतरा में परिजनों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था करने क्यों कहा गया।
  • इन सभी मांगों को पांच दिनों के अंदर उचित कार्रवाई करें, नहीं तो कर्मचारी संघ आगे मानवाधिकार हनन व उचित प्रबंधन न करने को लेकर उच्च न्यायालय जाने बाध्य होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

क्या था पूरा मामला
दुलारी के जेठ समय लाल धीवर ने बताया था कि बेमेतरा और दुर्ग के सभी मेडिकल स्टोर में चक्कर काटने पर भी वह इंजेक्शन नहीं मिला। बड़ी मुश्किल से इसके दो डोज ब्लैक में 15-15 हजार रुपए में मिले। इंजेक्शन लगने के दो दिन बाद हालत खराब होने लगी। उसे रायपुर AIIMS रेफर कर दिया गया, लेकिन यहां भी वेंटिलेटर नहीं था। दो दिन इंतजार करने के बाद बेड मिला। 24 अप्रैल को सुबह 7 बजे AIIMS के लिए रेफर कर दिया गया था, लेकिन 108 एंबुलेंस को आते-आते 4 घंटे लग गए। रायपुर AIIMS पहुंचने में 1 बज गए। इलाज शुरू हुआ, लेकिन शाम 5 बजे दुलारी का निधन हो गया था।

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