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लॉकडॉउन संकट के बीच ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता मनरेगा

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  • सोशल डिस्टेंसिंग एवं सुरक्षा उपायों के साथ 42 हजार से अधिक हितग्राहियों को मुहैया करायी जा रही हैं रोजगार
कमलेश रजक/मुंडा  : कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव एवं लॉकडॉउन के बीच मे गरीब ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराना के बड़ी चुनौती हैं। पर इस लॉकडॉउन संकट के बीच ग्रामीण अर्थव्यवस्था को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से मजबूती प्रदान किये जा रहें है। पूरे राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर गरीब एवं आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने का आज प्रमुख साधन बन गया हैं। शासन के द्वारा कोरोना के लिये जारी गाईडलाईन का पालन करते हुए एवं सुरक्षात्मक उपायो के साथ मनरेगा के कार्य को पुनः प्रारम्भ करने का निर्देश दिये है। जिससे इस महामारी काल मे ग्राम स्तर पर श्रमिको को रोजगार प्राप्त होगा और आजीविका के मार्ग प्रशस्त हों। इस सम्बंध में कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने जिला पंचायत के अधिकारियों को निर्देश भी दिए है। उन्होंने जिले में कोविड-19 के सम्बन्ध मे जारी गाइडलाईन का पालन करते हुए एवं आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों के मनरेगा के कार्य प्रारंभ करनें कहा है। इस सम्बंध में प्रभारी जिला पंचायत सीईओ हरिशंकर चौहान ने बताया कि वर्तमान समय में जिलें के पंजीकृत 42 हजार 240 श्रमिको को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा हैं। जिसमें जनपद पंचायत बालौदाबाजार के अंतर्गत 3,631भाटापारा 3318,बिलाईगढ़ 18,260,कसडोल 15,638,पलारी 922 एवं 524 सिमगा मे श्रमिक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने आगें बताया की इस कार्य से गरीब तबके के परिवारॊ को गाँव मे ही रोजगार उपलब्ध होगा जिनसे उनके आर्थिक स्तर मे सुधार होगा। साथ ही ग्राम पंचायत के श्रमिकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से भी अपील किया गया हैं,कि आवश्यक सुरक्षात्मक उपायो के साथ कार्य का माँग करने वालॊ को रोजगार मुहैया कराये जाये। इस सम्बंध में जिला पंचायत सीईओ ने सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, कार्यक्रम अधिकारी के साथ-साथ रोजगार सहायक,सचिव, तकनीकी सहायक को अलग से निर्देशित किया गया है। सहायक परियोजना अधिकारी  मनरेगा के के साहू ने बताया कि कार्य के दौरान कोविड गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना सुनिश्चित है। इसके लिए एक अलग से टीम बनाकर सतत निगरानी रखी जा रहीं है। कार्यस्थलों में मास्क की अनिवार्यता, सेनेटाइजर अथवा साबुन पानी से हाथ धोने की व्यवस्था भी रखी जा रहीं है।साथ ही सभी श्रमिकों का टीकाकरण भी सुनिश्चित किया जा रहा हैं। बचें हुए 45 वर्ष से अधिक पात्रधारी हितग्राहियों को कोरोना वैक्सिनेशन करवाने के लिए रोजगार सहायकों एवं सचिवों के माध्यम से प्रेरित किए जा रहें है।
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