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देश में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए सहयोगी के रूप में इस्पात क्षेत्र की कंपनियां कर रही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 

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  • इस्पात क्षेत्र ने 3474 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन किया था
  • तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) के उत्पादन को बढ़ाने और इसके वितरण के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं
    केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान के मार्गदर्शन और निर्देशन में इस्पात क्षेत्र में इस्पात मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एवं अन्य निजी कंपनियां जरूरत के इस समय में राष्ट्र के साथ हैं और तरल मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराने को लेकर सरकार के प्रयासों के पूरक के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही हैं।  

तापस सन्याल/भिलाई : इस्पात संयंत्रों की कुल दैनिक ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 2834 मीट्रिक टन है। इस्पात क्षेत्र में 33 ऑक्सीजन संयंत्र (सीपीएसई एवं निजी, दोनों मिलाकर) हैं। इनमें से 29 संयंत्रों का संचालन नियमित तौर पर किया जा रहा है। 24 अप्रैल, 2021 को की गई रिपोर्ट के मुताबिक इस्पात क्षेत्र में एलएमओ उत्पादन की 2834 मीट्रिक टन दैनिक क्षमता की तुलना में एलएमओ का उत्पादन 3474 मीट्रिक टन है। यह एलएमओ उत्पादन क्षमता से अधिक है, क्योंकि अधिकांश इकाइयों ने नाइट्रोजन और आर्गन गैस के उत्पादन को कम कर दिया है और केवल एलएमओ का उत्पादन कर रही हैं। इन सभी प्रयासों के चलते सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के इस्पात संयंत्रों द्वारा 2894 टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन विभिन्न राज्यों में भेजे गए। इससे एक हफ्ते पहले यह आंकड़ा 1500/1700 टन प्रतिदिन था।

इस्पात संयंत्र को कुछ सामान्य उद्देश्यों जैसे; लान्सिंग एवं गैस कटिंग के अलावा मुख्य रूप से इस्पात बनाने और ब्लास्ट फर्नेस में ऑक्सीजन संवर्धन के लिए गैसीय ऑक्सीजन की जरूरत होती है।

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