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निजी अस्पताल को 288 वायल्स रेमडीसिविर की सप्लाई पर उठ रहे सवाल

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  • विधायक दलेश्वर ने सीएम व कलेक्टर से की जांच की मांग

रवि मुदिराज/राजनांदगांव। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जरूरी दवाओं में से एक रेमडीसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला लगातार सामने आ रहा है.।जिसे लेकर कई बार आम जनता व जन प्रतिनिधियो द्वारा फोन पर कलेक्टर व सीएमएचओ को शिकायतें की गई.। ,इसके बाद भी रेमडीसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रूकने का नाम नहीं ले रही है।लगभग चौतीस सौ रुपये मे शासकीय दर पर बिकने वाला इंजेक्शन बारह से इक्कीस हजार तक बिकने की खबर है। यह इंजेक्शन राजनांदगांव में कम मिलने पर कई गंभीर मरीजो की इससे मौत हो रही है जबकि राजनांदगांव की मेडिकल फर्मों से सीधे बालोद व कबीरधाम जिले भेजे जाने की जानकारी भी सामने आयी है। रेमडीसिविर इंजेक्शन की लगातार कालाबाजारी रोकने को लेकर विधायक दलेश्वर साहू ने खाध व औषधि प्रशासन विभाग से जानकारी लेने पर पाया कि जिले की एक निजी हास्पिटल को सीधे 288 वायल्स दिए गए है ।इसी तरह बालोद व कबीरधाम जिले को भी बडी मात्रा में राजनांदगाँव की मेडिकल फर्म से सप्लाई हो रही है।.
राजनांदगाव जिले में रेमडीसिविर इंजेक्शन की किल्लत लंबे समय से चल रही थी। जिसे लेकर तीन दिन पहले ही शासन के निदेश पर प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए इसका नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था.। इसके बाद भी कोरोना मरीजों को रेमडिसिविर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.। रेमडीसिविर इंजेक्शन किसकों कितना देना है ।यह भी प्रशासन के नियंत्रण में तय होता है।. इसके बाद भी रेमडीसिविर इंजेक्शन की सीधे खरीदी होना व सप्लाई होना संदेह को जन्म देता है.। विधायक दलेश्वर साहू ने जिले में अब तक दिए गए रेमडीसिविर इंजेक्शन की जानकारी खाध व औषधि प्रशासन विभाग राजनांदगाँव से मंगाई।,तब उन्हें पता चला कि 24 अप्रैल को राजनांदगांव स्थित सुंदरा मल्टीपल हास्पिटल को सीधे 288 वायल्स पहुंचे है।. विधायक दलेश्वर साहू ने उक्त हास्पिटल को अब तक दिए गए रेमडीसिविर इंजेक्शन तथा उनके द्वारा क्रय- विक्रय की संपूर्ण जानकारी मांगी है।. विधायक दलेश्रर साहू के
अनुसार जिले में जरुरी दवाइयो की कमी होने के बाद लोगो की हो रही मौत के बाद भी डग माफिया और उससे जुडे अधिकांश कालाबाजारी कर अन्य जिले बालोद व कबीर धाम को भी उपलब्ध करवा रहे है।जबकि जिले मे आने वाले इंजेक्शन व दवाइयो पर अधिकार जिले के लोगों का है। उनके अनुसारकोरोना मरीज के लिये रेमडेसिवीर इंजेक्शन के साथ एनकिया पेरिन ,पायरीकूल ,पेटाप,लेवोआक,एनएस,एमवीआई आदि दवाइयां भी जरुरी है जो मिल ही नही रही है। इसके साथ कोरोना के मरीज के लिये सीआरबी,सीबीसी व डीडायमर टेस्ट के लिये किट ही उपलब्ध नही है।पेन्डी शासकीय अस्पताल व अन्य अस्पतालों मे भरती मरीज खेमिन बाई,लेखराम साहू,हेमाबाई,कमलेश चन्द्रवंशी,विजय कुमार,गेदलाल सोनकर के परिजनो के उनके पास फोन आये थे जो इंजेक्शन व दवाइयां नही मिलने से परेशान है।
राजनांदगांव जिले के लिए आए 288 रेमडीसिविर इंजेक्शन सीधे सुंदरा मल्टी हास्पिटल को मिला है। उक्त 288 वायल्स सुंदरा मल्टी हास्पिटल ने सीधे खरीदी की है. जबकि नियमानुसार रेमडीसिविर इंजेक्शन का स्टाक देने का प्रावधान प्रशासन के पास सुरक्षित है.। उसके बाद भी सीधे हास्पिटल को 288 वायल्स कैसे पहुंचा, यह भी एक जांच का विषय है। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने इस सम्बन्ध में कहा कि मैरी जानकारी के अनुसार निजी अस्पताल मे सीधे कंपनी से दवा आयीहै।उसकी कालाबाजारी न हो इसके लिये मैने अस्पताल से जानकारी लेने कहा है।
सुंदरा मल्टी हास्पिटल के मैनेजर नेमीचंद जैन ने बातचीत करते हुए बताया कि हमारे द्वारा 288 रेमडीसिविर इंजेक्शन की खरीदी सीधे कम्पनी से की गई है.। मार्च में हमने 12 लाख रूपए कम्पनी को एडवांस दिए थे।. कम्पनी को समय के अनुसार अलग अलग कीमतों पर कंपनी हमें वैसे- वैसे रेमडीसिविर इंजेक्शन भेज रही है। हमारे यहां इतने मरीज है कि हमें रोज 100 रेमडीसिविर इंजेक्शन लग रहे है।प्रशासन द्वारा हमारे अस्पताल को सिर्फ 20 से 25 रेमडीसिविर इंजेक्शन दिया जा रहा है.
इस संबंध में डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू ने कहा कि रेमडीसिविर इंजेक्शन को लेकर लगातार शिकायतें आ रही थी. जिसे लेकर हमने जब डग विभाग से जानकारी मांगने पर पता चला कि 288 वायल्स सुंदरा मल्टी हास्पिटल को दिया गया है।इसी तरह अन्य जिलो मे भी राजनांदगांव से सप्लाई हुई है। जबकि रेमडीसिविर इंजेक्शन किसे कितना देना है और किसे कितना स्टाक रखना है यह शासन के निदेश अनुसार प्रशासन को तय करना है। आम गरीब मरीज ऐसे जरुरी इंजेक्शन नही मिलने से तडप कर जान दे रहे है.।इसके बाद भी सीधे 288 रेमडीशिविर वायल्स एक ही हास्पिटल को जाना समझ से परे है । यह सब सरासर खाध व औषधि प्रशासन के अधिकारी लगातार गडबडी कर रहे है।मैने कलेक्टर व सीएम को अवगत कराकर जांच की मांग की है।

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