सुनील नार्गव/मुंगेली : जिले में एक कोरोना पीड़ित लड़की ने आत्महत्या कर ली है। पता चला है कि युवती की मां की मौत भी दो दिन पहले कोरोना के कारण हुई थी। जिस सदमे से युवती उबर नहीं पाई और उसने आत्महत्या कर लिया है। जानकारी के अनुसार श्री राम ज्वेलर्स की मालकिन गोल्डी सोनी मुंगेली थाना के सोनार मोहल्ले में रहती थी और उसने शुक्रवार की रात को फांसी के फंदे पर लटककर अपने जान दे दी।
मामले की जानकारी परिजनों को तब लगी जब भाई विक्रांत ने शुक्रवार की शाम को गोल्डी को कई बार फोन किया, फिर भी गोल्डी ने नहीं उठाया, इसके बाद विक्रांत मौके पर पहुंचा तो देखा गोल्डी का शव पंखे में फांसी के फंदे पर लटका हुआ है। इसके बाद उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शनिवार को शव को बरामद कर लिया और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत गोल्डी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गोल्डी ने देनदारों की सूची बना ली थी
गोल्डी अपनी मां के साथ ही रहती थी। उसके दो भाई भी हैं पर वो लोग अलग रहते हैं। कुछ दिन पहले ही मां-बेटी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद मां का इलाज शहर के ही निजी अस्पताल में चल रहा था। जबकि गोल्डी अपना इलाज अपने घर में रहकर ही करा रहा थी। इस बीच 21 अप्रैल को गोल्डी की मां की मौत हो गई । इसके बाद से ही काफी दुखी थी और उसने आखिरकार 23 अप्रैल की शाम को सुसाइड कर लिया। बताया गया है कि मां की मौत के बाद गोल्डी ने देनदारों की सूची भी अपने भाई को दी थी। उसने अपने देनदारों को फोन भी लगाया था कि वो आकर अपने पैसे ले जाएं।
सोनार मोहल्ले में ही 70 से ज्यादा मरीज मिले
इधर, कोरोना संक्रमण के मामले भी मुंगेली जिले में लगातार बढ़े हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सोनार मोहल्ले में ही पिछले कुछ दिनों में 70 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं शनिवार को भी यहां 521 मरीज मिले थे। जबकि 22 अप्रैल को यहां 407 मरीज मिले थे और एक मरीज की मौत भी हुई थी। इस प्रकार जिले में अब तक 38 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। वहीं अब तक 9615 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। अभी जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 3689 है।
पेंड्रा के रेलवे ट्रैक पर मिला था कोरोना संक्रमित का शव
इससे पहले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में एक कोरोना संक्रमित ने जान दे दी थी। उसका शव शनिवार सुबह को ही रेलवे ट्रैक पर मिला था। पेंड्रा का रहने वाला धूप सिंह का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित मिला था। सभी को सीकर कला स्थित कोविड सेंटर भेज दिया गया था। एक सप्ताह बाद धूप सिंह की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसे भी सेंटर में भर्ती कराया गया था। तीन दिन पहले परिवार के डिस्चार्ज होने के बाद वह भी सेंटर से भाग गया था और उसका कुछ पता नहीं चल रहा था।