महेन्द सिंह/पांडुका /श्याम नगर/ सुरसा बांधा : पांडुका अंचल एवं आसपास के गांवों में धूमधाम से मनाया गया रामनवमी का पर्व। अंचल वासियों ने अपने अपने घरों में ही रह कर भगवान श्रीराम को याद किया और रामायण मे संकलित भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी के साथ-साथ रामायण के बाल- -कांड का पाठ किया। इसके साथ ही साथ नवरात्रि के 9 दिनों का पर्व माता सिद्धीदात्री की उपासना के साथ संपूर्ण हुआ। अंचल में राम नवमी का पर्व कोरोनावायरस संबंधित प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए मनाया गया। अभनपुर के ग्राम सिवनी के सुप्रसिद्ध भागवत आचार्य एवं पंडित जवाहर शुक्ला जी ने बताया की कोरोना की दूसरी लहर अत्यंत भयावह है इसको मद्दे नजर रखते हुए इस वर्ष ग्रामीण अंचलों में सीमित लोगों में ही नवरात्रि में मां भगवती का आराधना किया एवं कल रामनवमी के दिन भी कोरोनावायरस के संबंधित प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए भगवान राम का दिन में 12:00 बजे अभिषेक पूजन आरती एवं रामायण पाठ किया। उन्होंने रामनवमी के दिन विशेष के बारे में बताते हुए कहा कि शास्त्र अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म दिन के मध्यकाल यानी 12:00 बजे माना गया है जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात के 12:00 बजे हुआ ठीक उसी प्रकार भगवान राम का जन्म दिन के 12:00 बजे हुआ। उन्होंने बताया कि इस दिन रामायण के बालकांड, राम रक्षा स्त्रोत ,राम चालीसा का पाठ करने से भगवान राम की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सुख समृद्धि मिलती है। भगवान राम को आज के दिन मुख्य रूप से भुनी हुई धनिया को पीसकर बनाई हुई पंजरी का भोग लगाया जाता है। उन्होंने सभी भक्तजनों से निवेदन किया कि इस वर्ष जो भी आने वाले पर्व है उन्हें कोरोना संबंधित सभी नियमों का पालन करते हुए मनाएं क्योंकि यह अत्यंत भयावह होते जा रहा है एवं अधिकतर अपने घरों में ही रहकर भगवान की आराधना करें।
पांडुका अंचल “भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी “के पाठ से गूंज उठा
