- बीमार नही रहा लाचार हो रहा है मुफ्त उपचार सरकार का यह नारा सिर्फ कार्ड पर ही नजर आ रहा है
- राजधानी के प्रायवेट हॉस्पिटलों में नही चल रही है सरकार की आयुष्मान कार्ड योजना
यामिनी चंद्राकर/छुरा : दिन ब दिन राज्य में कोरोना संक्रमण का भयावह रूप देखने को मिल रहा है ऐसे विपत्ति के समय मे भी राज्य के निजी अस्पतालो के संचालको के द्वारा मानवता को दरकिनार कर व्यापार करने में लगे हुए है छत्तीसगढ़ राज्य के राजधानी स्थित बड़े बड़े निजी अस्पतालों में सरकार द्वारा जारी आयुष्मान कार्ड को स्वीकार नही करना किस हद तक सही है यह तो राज्य के सत्ता पर आसीन लोग ही बता बायेंगे। छुरा क्षेत्र के ग्राम पक्तियां निवासी 66 वर्षीय डॉक्टर चंदूलाल लाल तारक की 13 अप्रेल को तबियत अचानक बिगड़ने पर राजधानी स्थित सरकार द्वारा बनाये गए कोविड सेंटर इंडोर स्टेडियम में भर्ती कराया गया था सरकार द्वारा बनाये गए इंडोर स्टेडियम कोविड सेंटर में अव्यवस्थाओ के बारे में डॉक्टर चन्दूलाल तारक ने अपने पुत्र से साझा करते हुए बताया कि इंडोर स्टेडियम स्थित कोविड सेंटर में अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि यहां पर मरीजो को पानी देने वाला कोई नही है न ही कोई डॉक्टर मरीजो के चेकप के लिए आ रहे है मरीजो को बेड तो दे दिया गया है पर सही इलाज नही किया जा रहा है जिनका अंदाजा आप इसी से लगा सकते है जहा सुबह स्टाफ के लोग बिस्तर पर दवाइयां छोड़कर चले जाते है दवाइयां खाने के लिए पानी भी नही दिया जाता है और तो और यहां की व्यवस्था इतनी घटिया है कि अगर मरीज लघुशंका के लिए जाता है तो वापस बेड तक आते तक आक्सीजन का सिलेंडर ही गायब हो जाता है कोविड सेंटर में मरीजो के अगल बगल में लाश पड़ी हुई है जिसको देखकर ही कितनो लोग दहशत में मर रहे है। मैं इन अव्यवस्थाओं के बीच नही रहना चाहता बेटा मुझे यहां से निकाल लो तब चन्दूलाल तारक के पुत्र ने इंडोर कोविड हॉस्पिटल पहुचकर डॉक्टरों से मिन्नत कर अपने पिता को वहां से निकालकर रायपुर स्थित निजी हॉस्पिटल नारायणा में भर्ती कराने लेकर गए जहां सरकार द्वारा जारी आयुष्मान कार्ड दिया गया लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि आयुष्मान कार्ड नही चलना बताया और मरीज को भर्ती करने के एवज में नारायणा अस्पताल द्वारा 80,000 हजार रुपये पहले जमा करवाया गया मृतक के पुत्र द्वारा 80,000 जमा करने के बाद ही मरीज को भर्ती किया गया लेकिन भारीभरकम राशि खर्च करने के बाद भी डॉक्टर चंदूलाल तारक की जान नही बचा सकी और डॉ चंदूलाल तारक ने नारायणा हॉस्पिटल में कोरोना से जंग हारते हुए आखिरी सांस ली वे छुरा क्षेत्र के जाने माने डॉक्टरों में जाने जाते क्षेत्र में उन्होंने लम्बे समय तक अपनी सेवाएं प्रदान करते रहे है। मृतक के परिवार वालो का आरोप है कि सरकार द्वारा राजधानी में सरकार की निगरानी में बनाये गए कोरोना संक्रमण के मरीजो के लिए कोविड सेंटर में इतनी अव्यवस्थाये है तो फिर बाकी जगहों का क्या हाल होगा ये इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है परिवार वालो का कहना है कि आखिर क्यू राजधानी के अस्पतालों में सरकार द्वारा जारी आयुष्मान कार्ड को स्वीकार नही किया जा रहा है इसकी भी जांच होनी चाहिये साथ ही सरकार को निजी अस्पताल संचालको से बात करके निजी अस्पतालों में भी इस महा संकट से समय मे निजी अस्पतालों में भी आयुष्मान कार्ड से इलाज जारी करवाने की पहल करे।