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ग्राम पंचायत अमलीपदर में चैत्र नवरात्र पंचमी पर आचार्य रामानुज युवराज पांडे द्वारा विशेष पूजा अर्चना

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पुलस्त शर्मा /मैनपुर : धार्मिक त्योहार एवं हिंदू संस्कृति के मुख्य त्यौहारों में चैत्र नवरात्र विशेष पर्व माना गया है, जिसमें साधक पुजारी एवं भक्त मनोवांछित फल प्राप्ति हेतु मां भगवती दुर्गा की आराधना कर मां भगवती को प्रसन्न करते हैं, इसी तरह चैत्र नवरात्र में देवी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना किया जाता है इसी प्रकार धर्मनगरी ग्राम अमलीपदर में विराजित मां भगवती दुर्गा मंदिर में इस साल भी माता की विशेष पूजा अर्चना की गई श्री दुर्गा मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य रामानुज युवराज पांडे जी से वार्तालाप करने पर उन्होंने बताया की चैत्र नवरात्र के इस पावन अवसर पर मां भगवती दुर्गा का पंचमी तिथि को श्रृंगार किया जाता है और माता के पांचवे स्वरुप माता स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है इस महापर्व में पंचमी तिथि को श्री दुर्गा मंदिर में विशेष पूजा अर्चना किया गया। आचार्य जी ने बताया कि गरियाबंद जिले में लॉकडाउन के चलते एवं प्रशासन के दिए गए नियमों का परिपूर्णता पूर्वक पालन करते हुए प्रतिदिन गाइडलाइन को पालन करते हुए मंदिर में किसी भी श्रद्धालुओं को को मंदिर में प्रवेश वर्जित किया गया है एवं मंदिर को सैनिटाइजर से सैनिटाइज करके रखा गया है एवं मंदिर में भीड़ भाड़ होने नहीं दिया जाता, यहां तक के प्रशासन के दिए गए गाइडलाइन के अनुसार आचार्य जी ने बताया के मंदिरों में चढ़ने वाले प्रसाद को भी बाहर किसी को भी नहीं दिया जाता एवं सुरक्षा का ध्यान रखते हुए केवल मंदिर मुख्य पुजारी ही मां भगवती के पूजा आराधना प्रातः संध्या करते हैं आचार्य जी ने बताया की जनकल्याण एवं विश्व शांति के लिए प्रतिदिन मां भगवती की आराधना हम कर रहे हैं, ताकि समस्त जन कल्याण हो एवं विश्व शांति बना रहे एवं मां भगवती से ही प्रार्थना करते हैं, की जल्द से जल्द इस महामारी से सभी को निजात मिले एवं पुनः हमारा पर्यावरण स्वच्छ एवं सुरक्षित हो जाए इस प्रकार इस वर्ष माता की विशेष पूजा अर्चना केवल मुख्य पुजारी के सानिध्य में हुआ नौ दिवसीय में किसी प्रकार से भी मंदिर परिसर में अनावश्यक भीड़ नहीं होती एवं सख्त निर्देश किया गया है कि मंदिरों में कोई भी श्रद्धालु प्रवेश नहीं करेंगे इस प्रकार आचार्य जी ने कहा की जनकल्याण एवं विश्व शांति हेतु माता से प्रार्थना की जा रही है, जिससे सभी इस संसार में सुखी रहे।

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