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big breking : छत्तीसगढ़ के कोविड हॉस्पिटल में आग : राजधानी अस्पताल के कोरोना वार्ड में 5 मरीजों की मौत, 4 मरीजों की दम घुटने से हुई मौत

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के कोविड अस्पताल में आग लगने की घटना सामने आई है। रायपुर के पचपेड़ी नाका इलाके में राजधानी नाम के कोविड अस्पताल में शनिवार शाम करीब 5 बजे आग लग गई। घटना में पांच मरीजों की मौत हो गई। एक मरीज की मौत झुलसने से जबकि चार की मौत ऑक्सीजन सिस्टम के फेल से होने के बाद दम घुटने से हुई है। दो फ्लोर वाले अस्पताल में कोरोना के मरीजों को भर्ती किया गया था। आग की वजह से अस्पताल के सभी कमरों में धुआं भर गया। पहले से ही सांस की तकलीफ झेल रहे मरीजों का दम घुटने लगा। हड़बड़ाकर उनके घर वालों ने हॉस्पिटल में लगे कांच को तोड़कर धुआं बाहर निकलने की जगह बनाई। फायर फाइटर्स भी मौके पर पहुंच गए। कुछ मरीजों को निकालकर एंबुलेंस के जरिए दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। फिलहाल, राहत और बचाव का काम जारी है। हादसे के दौरान अस्पताल में करीब 50 मरीज भर्ती थे। उधर, हादसे की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर डॉक्टर एस भारतीदासन और सीनियर एसपी अजय यादव घटनास्थल पर पहुंच गए हैं, वे यहां सहायता और मदद की कार्यों जायजा ले रहे हैं।

तस्वीर रायपुर के राजधानी अस्पताल की है। कांच तोड़कर धुआं बाहर निकाला गया और मरीजों को एंबुलेंस के जरिए दूसरे अस्पताल ले जाया गया।

मृतकों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यजनक बताया है। उन्होंने पीड़ित परिवार के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है। उन्होंने इस हादसे में मृत सभी 4 लोगों के परिजनों को 4- 4 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा भी की है।

आग के बाद बाहर निकाले गए मरीज के साथ खड़े परिजन।

मरीजों के परिजनों ने बताई आंखों देखी

अस्पताल के बाहर मौजूद परिजनों ने बताया कि अचानक आग लगने के बाद अस्पताल में अफरातफरी मच गई। कोरोना वार्ड होने की वजह से हम बाहर थे। लेकिन जैसे ही धुंआ निकलता देखा, हम सावधानी बरतते हुए अंदर पहुंचे। अंदर चारों और धुआं भरा था। घुटन महसूस हो रही थी। इसके बाद सबसे पहले हमने अस्पताल के खिड़की को तोड़कर हवा आने-जाने के लिए जगह बनाई। फिर मरीजों को लेकर नीचे पहुंचे। उन्होंने कहा कि ऊपर पहुंचने के बाद कुछ वार्ड बुरी तरह जल गए थे, आग से केबिन के शीशे टूटकर जमीन पर पड़े हुए थे।

कार में बैठाकर ऑक्सीजन
एक मरीज जिसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, उसे बाहर निकाला गया। एक कार में उसे बैठाया गया। अस्पताल और घर के लोग उसका ऑक्सीजन सिलेंडर बाहर लेकर आए। कार में ही उसे ऑक्सीजन दी गई। काफी देर तक इस मरीज को कहीं सुरक्षित जगह पर ले जाने का कोई इंतजाम नहीं हो सका। उसकी हालत भी नाजुक बनी हुई है।

50 के करीब मरीज थे भर्ती
जब आग लगी तो कोविड वार्ड और अस्पताल के लगभग हर हिस्से में मरीज थे। चर्चा है कि अचानक किसी मशीन में हुए शॉर्ट सर्किट की वजह से ये आग लगी। अस्पताल में वायरिंग पूरी तरह से झुलसने की वजह से आग तेजी से कमरों में फैली।

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