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राजनांदगांव जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था : मौत के बाद शव वाहन भी नसीब नहीं, ट्रैक्टर-ट्राली में डालकर अंतिम संस्कार करने ले गए परिजन, इससे पहले कचरा गाड़ी में ले जाया गया था शव

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राजनांदगांव : जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें दोबारा सामने आयी हैं। डोंगरगांव ब्लाक के कोविड सेंटर से दोबारा ऐसी तस्वीरें सामने आयी हैं। जहां शव को ट्रैक्टर-ट्राली व कचरा फेंकने वाली गाड़ी में ले जाना पड़ रहा है। गुरुवार को 4 घंटे इंतजार करने के बाद शव वाहन नहीं मिला, तो किराए के ट्रैक्टर-ट्राली में शव को खुले में रखकर श्मशान तक ले पहुंचाया गया। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लाक में कोरोना संक्रमित मरीजों का शव उठाने के लिए एक वाहन भी नहीं है। बुधवार यानी 14 अप्रैल को डोंगरगांव नगर पंचायत में कचरा उठाने वाली गाड़ी से शव उठाया गया था। जिस पर जिला प्रशासन की काफी आलोचना हुई थी। और गुरुवार यानी 15 अप्रैल को बड़ी लापरवाही फिर से सामने आयी हैं। यहां कोविड सेंटर में कोरोना से आसरा के रहने वाले एक मरीज की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों से शव ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था के साथ ले जाने को कहा गया। परिजनों को चार घंटे भटकने बाद ट्रैक्टर-ट्राली मिला। जिसमें शव को श्मशान ले गए।

व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा
डोंगरगांव एसडीएम हितेश पिस्दा ने बताया है कि वाहन के लिए कोशिश की गई थी। लेकिन वाहन की व्यवस्था नहीं हो पायी। जिसके बाद आसरा के सरपंच ने ट्रैक्टर-ट्राली उपलब्ध कराया। जिसमें शव को भेजा गया था। वहीं 14 अप्रैल को कचरे वाली गाड़ी से शव को नहीं ले जाया गया था, वो नगर पंचायत की मुनादी करने वाली गाड़ी थी। लेकिन अब सभी जनपद पंतायत और नगर पंचायतों में गाडियों की व्यवस्था हो गई हैं।अब सभी शवो को अच्छी तरह से गाडियों में भिजवाया जा रहा हैं।

जिले में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण
राजनांदगांव जिले में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा हैं। जिसके बाद यहां पर हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड नहीं शवों को ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था ठीक नहीं हैं। जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। जिले में पिछले 7 दिनों में 7882 लोग संक्रमित हुए और 46 लोगो की मौत हो गई हैं।

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