प्रांतीय वॉच

जिम्मेदारियों से पल्ला झाड रहे अधिकारी, महीनो हो गया मुख्यालय नदारत, कामकाज भगवान भरोसे

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टीकम निषाद / देवभोग : इस वैश्विक महामारी पर भी महीनों महीनों से नदारद रहने वाले विभागीय अफसर दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। जबकि अमूमन अधिकांश विभाग के जिम्मेदारों को जांच नाका कोविड सेंटर सहित तरह-तरह की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है। मतलब मुख्यालय से अधिकारी के गायब होने पर संबंधित लोगों के कामकाज भगवान के भरोसे रह जाते है ।यहां आपको बता दें कि कई महीनों से मत्स्य एवं श्रम विभाग के इंस्पेक्टर नदारद होते हैं। और कभी कभार मुख्यालय पहुंचकर वापस जिला लौट जाते हैं। जिसके चलते लेबर और मछली पालन करने वाले कईयों का काम नहीं हो पाता।  पिछले वर्ष  लॉकडाउन के दौरान श्रम विभाग को 1000 से भी ज्यादा मजदूरों की  पंजीयन कराने के लिए दस्तावेज भेजा गया रहा ।जिनमें सिर्फ 150 लोगों को ही पंजीयन कार्ड मिल पाया। इसके अलावा पलायन कर  आंध्र प्रदेश गोवा मुंबई सहित अन्य राज्यों से लौटे मजदूरों को भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है ।और ऐसे ही मत्स्य विभाग से आम मछुआरों को लाभ नहीं मिलता दिख रहा है ।जिसका प्रमुख कारण इन विभाग के अधिकारियों का नदारद  होने को माना जाता है। इसके लिए आम आदमी से लेकर प्रशासन भी अफसोस जाहिर को भी अफसोस जाहिर करना पड़ता है। क्योंकि संबंधित कार्य के लिए फोन से ही संपर्क हो पाता है। सबसे दुखद बात तो यह है कि ऐसे अधिकारी वेषियक कोरेना  महामारी के दौरान भी अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं करा रहे हैं ।जबकि स्थानीय प्रशासन के कई ऐसे अफसर अपने निजी कार्य को छोड़कर कोरोना की रोकथाम के लिए एड़ी चोटी लगाए हुए हैं। बावजूद इसके मत्स्य एवं श्रम विभाग के जिम्मेदार गायब हैं। जिससे जिला अधिकारी  अच्छी तरह अवगत होने के बाद भी  इन अधिकारियों पर किसी प्रकार लगाम नहीं लगाया जा रहा  है ।जबकि राज्य सरकार का स्पष्ट फरमान है। कि अधिकारी हर हाल में मुख्यालय पर मौजूद होकर आम जनता की समस्या और आवेदनों का निराकरण करने का आदेश काफी पहले जारी किया गया है। जिसका पालन सिर्फ कागज पर ही नजर आता है। यही कारण है कि भूपेश सरकार की अधिकांश योजना जमीन पर चाक-चौबंद नहीं हो पाती ।क्योंकि मत्स्य और श्रम विभाग से संबंधित कार्यों के लिए अधिकांश लोगों को गरियाबंद का सफर तय करना पड़ता है ।
पूर्णनंद साहू लेबर इंस्पेक्टर :  कुछ नियमों में बदलाव किया गया है इसलिए जरूरी दस्तावेज दोबारा मंगाया जा रहा है उसके बाद मजदूरों का पंजीयन हो जाएगा और मैं बीच-बीच में तो देवभोग  जनपद जाते रहता हूं
जोगेश्वर साहू मत्स्य इंस्पेक्टर : मेरे पास मैनपुर और देवभोग  का प्रभार है इसलिए ज्यादातर समय नहीं दे सकता लेकिन सभी योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है इसके लिए मैंने अपना नंबर भी दिया हुआ है
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