कमलेश रजक / मुंडा : कोरोना महारी के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा पत्रकारों को फ्रंट लाइन का कर्मचारी न मानते हुए वैकसीनेशन से दूर रखा है। जबकि पत्रकारों ने इस महामारी में शासन-प्रशासन को बड़े स्तर पर अपना सहयोग किया है। मीडिया को राष्ट्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। तहसील पत्रकार संघ के पत्रकारों ने कोरोना महामारी के समय में लोगों को वायरस से बचाव, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने तथा स्थानीय स्तर पर शासन द्वारा किए जा रहे कार्यो की जानकारी को भी जनहित में प्रकाशित कर आमजन तक पहुंचाया जा रहा है स्थानीय मीडियाकर्मी शासन प्रशासन का सहयोग करते हुए हर स्तर पर इस महामारी से बचाव के लिए प्रचार प्रचार कर रहे हैं। तहसील क्षेत्र में कई ऐसे है जो क्षेत्र में रहकर सतत रूप से पत्रकारिता का ही कार्य कर रहे है। ऐसे में उन लोगों को यह वैक्सीनेशन अनिवार्य है। प्रदेश के कुछ पत्रकारों का कोरोना से हुई मौत ने अन्य पत्रकारों का मनोबल को झकझोर कर दिया है। पत्रकार समय की वह कड़ी हैं जो शासन प्रशासन से लेकर आमजन तक पहुंचते है। वैक्सीनेशन न होने से उन्हें भी इस महामारी की चपेट में आने का भय बना हुआ है। पत्रकार संघ अध्यक्ष हरा लाल बार्वे संरक्षक कमलेश रजक पुनूराम बंजारे फागुलाल रात्रे आलोक मिश्रा ओम जायसवाल राॅकी साहू, जगजीवन नारंगे प्रकाश बार्वे सुमेर वर्मा केशव सेन राम साहू डेनिस साहू प्रेम राव मराठा खगेन्द्र जायसवाल सहित सभी सदस्यों ने शासन से मांग की है कि कोरोना महामारी के समय में पत्रकारों को फ्रंट लाइन का कर्मचारी मानते हुए उन्हें वैक्सीन लगवाई जाए। ताकि वह अपनी पूर्ण कर्तव्य निष्ठाा के साथ शासन प्रशासन को समय समय पर अपना सहयोग देते रहे।
पत्रकारों को भी लगाई जाए कोरोना वैक्सीन
