दिलहरण चंद्रा / जैजैपुर : भारतीय संविधान के निर्माता लोकतंत्र प्रणाली सरकार के प्रथम कानून मंत्री भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का संपूर्ण जीवन संघर्ष की अनुपम गाथा है जो हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है कठिन परिश्रम के बाद किस तरह से कामयाबी मिलती है यह उदाहरण डॉक्टर अंबेडकर के व्यक्तित्व से प्राप्त होता है। उक्त बातें भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जयंती अवसर पर अपने गृह ग्राम सरहर (बाराद्वार) में बाबा साहेब के तैल चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर चोलेश्वर चंद्राकर ने व्यक्त किया।श्री चंद्राकर ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष के पर्याय है उनसे जीवन में कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा प्राप्त होती है। संविधान रचना के प्रमुख आधार एवं नारी उत्थान एवं दलितों को समानता का अधिकार प्रदान करने में बाबा साहेब के महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। आज इस वैश्विक महामारी कोविड-19 के बचाव के लिए संघर्ष के दौर में हम सब यह संकल्प लें कि इस वैश्विक महामारी से हमें सावधानी से मुकाबला करना है और कोरोना महामारी को हराना है। डॉ चंद्राकर ने जिले के सभी नागरिकों से शासन प्रशासन के लागू नियमों का पालन करने का आह्वान करते हुए समस्त कार्यों को अपने गांव घर में मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन के तहत संपन्न करने की अपील की है।*
संघर्ष की सीख देता है बाबा साहब का व्यक्तित्व: डॉक्टर चौलेश्वर चंद्राकर
