रायपुर : कोरोना के हाहाकार के बीच खुशियां और उम्मीदें भी अपनी मौजूदगी का अहसास दिला रही हैं। PPE किट पहने डॉक्टरों-नर्सों की गोद में जब पॉजिटिव माताओं के स्वस्थ नवजात आए तो उन्हें लगा कि जिंदगी मुस्कुराई है।
कवर्धा जिले के सहसपुर लोहारा, पंडरिया और कुकदुर से कुछ दिन पहले जब रेखा, दुवसिया और कैलाश्री कोविड अस्पताल पहुंचे थे तो डॉक्टर बहुत चिंतित थे। ये तीनों 9 माह की गर्भवती थीं और कोरोना संक्रमण की चपेट में थीं। इनमें से दो की स्थिति तो गंभीर ही थी। अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉक्टर आदेश बताते हैं कि हमें बच्चों की चिंता तो बाद में थी, पहले तो माताओं को बचाना था।
जिले के CMHO डॉक्टर शैलेंद्र के साथ मिलकर योजना बनाई और तीनों महिलाओं की बेहतर तरीके से देखभाल शुरू की गई। तीनों की डिलीवरी डेट 9 और 10 अप्रैल के आसपास थी। अस्पताल के स्टाफ ने तीनों के सुरक्षित प्रसव को अपना लक्ष्य बनाया। कोरोना संक्रमित होने के बावजूद महिलाओं की देखरेख में यहां के स्टाफ ने कोई कमी नहीं रखी। उन्हें हिम्मत बंधाई गई कि वे अपने होने वाले बच्चों के बारे में सोचें और बिलकुल भी निगेटेविटी नहीं आने दें। महिलाएं हिम्मती थीं। उन्होंने कहा कि हमारी चिंता ना करें बस हमारे बच्चों को कुछ ना होने दें।
तीनों महिलाओं की डिलीवरी 9 और 10 तारीख को की गई। डॉक्टर चुरेंद्र, डॉक्टर मनीष, डॉक्टर नमिता वाल्टर के साथ नर्स पायल, प्रियंका संगीता, लक्ष्मी, अंजली, अमृता और दूसरे स्टाफ की टीम ने तीनों डिलीवरी कराई। थोड़ी दिक्कतों और सतर्कता के बाद PPE किट पहने इन डाक्टर्स और नर्स की गोद में नवजात आए। तीनों नवजात को जिला अस्पताल के SNCU में रखा गया है। टीम के मुताबिक सभी बच्चे स्वस्थ्य हैं।