संजय महिलांग/ नवागढ़ : नवागढ़ में अल्प्राजोलम (नींद की दवाई) बिना डॉक्टर की पर्ची के उपलब्ध हो रहा हैं। बहुत ही संवेदनशील मानी जाने वाली ये दवाइयां ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट-1940 के सेक्शन 18 (सी) के अनुसार डॉक्टरों के जारी प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर केवल लाइसेंसधारक रिटेलर ही बेच सकते हैं। यह नियम इसलिए बना है कि इस तरह की दवाइयों में कोडीन होता है, जिसका संतुलित सेवन अत्यावश्यक होता है। यह संतुलन चिकित्सक ही मरीज की बीमारी, उम्र और शारीरिक निरीक्षण के आधार पर पर तय कर पाते हैं। इसकी जरा सी भी अनदेखी मरीज के लिए जान का बड़ा जोखिम पैदा कर देती है। ऐसी दवाइयों के लगातार सेवन से किडनी, लीवर खराब हो सकते हैं और जान जा सकती है। इन दवाइयों के सेवन से नशा सा होता है, इसलिए कई नशेड़ी इनका इस्तेमाल करते हैं। नवागढ़ में ऐसी दवाइयां आसानी से मिलने के कारण उनका मकसद पूरा हो रहा है, लेकिन जान का जोखिम भी साथ मिल रहा है। न सिर्फ कोरेक्स और अल्प्राजोलम बल्कि कफ सिरप फेंसीडिल, नींद की गोलियां ओपिन, आलिन्जापिन, ओलेन, शेड्यूल-एच ड्रग मसलन एल्बेंडाजोल, एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड मोनोहाइड्रेड आदि नशीली दवाइयां भी यहां ऐसे ही मिल रही हैं।
खतरनाक है लगातार सेवन करना
कोरेक्स बनाने वाली कंपनी ने नया कोरेक्स लांच किया है। इसमें कोडीन और अल्कोहल हटाया है। लेकिन इसका लगातार सेवन खतरनाक है। पहले की तरह कोरेक्स से नशा करने वाले यदि अभी भी इस तरह की दवा का सेवन करेंगे तो उनके लीवर व किडनी प्रभावित हो सकते हैं। कोई भी दवा डॉक्टरी सलाह के नहीं बिना नहीं बेचना चाहिए। यह नियम भी है।