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मजदूरों की व्यवस्था के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार का अब हो रहा खुलासा, खादान सामग्री से लेकर सैनिटाइजर में की गई अनियमितता

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टीकम निषाद/ देवभोग : बीते वर्ष कोरोना काल के दौरान पंचायतों मे बाहर से आए मजदूरों की व्यवस्था के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा अब हो रहा है जहां खादान सामग्री से लेकर सैनिटाइजर में हजारों का घपला किया गया है ऐसा ही ब्लॉक अंतर्गत बरकानी पंचायत के सरपंच सचिव ने किया है यहां के सरपंच सचिव ने एफटीओकरता से सांठगांठ कर मनमानी तरीके से पैसा निकालकर बंदरबांट कर लिया जानकारी के अनुसार कोरोना काल के दौरान प्रदेश से बाहर पलायन के लिए गए 30 से 50  मजदूर आये जिनमें आधे को 14 दिनों तक रखा गया तो वही गिनते के मजदूरों की 28 दिन तक रखा गया और इन मजदूरों के ऊपर 1 लाख  60.हजार से ज्यादा राशि खर्च करना बताकर ऑनलाइन राशि निकाल लिया लेकिन इतनी राशि क्वॉरेंटाइन में रहे मजदूरों पर बिल्कुल भी खर्च नहीं किया गया बताया जाता है कि सिर्फ दो वक्त खाना देकर पंचायत के जिम्मेदार हाथ खड़े करते रहे और अब उन मजदूरों का सहारा लेकर फर्जीवाड़ा किया है जिससे नाराज ग्रामीण जिला सीईओ से शिकायत कर जांच एवं कार्रवाई की मांग करेंगे क्योंकि सरपंच सचिव द्वारा सैनिटाइजर के नाम 30, हजार 300 निकाला गया तो वही चावल दाल आलू तेल के लिए 43 हजार 800 आहरण हो गया जबकि दोबारा आलू आटा बड़ी चावल दाल के लिए 40 हजार 700 का बिल लगाकर एफटीओ  करा लिया इसके साथ पंखा रजाई के लिए 30 हजार खर्च बताया जाता है एवं डिस्पोजल थाली ब्रश तक के लिए पंचायत द्वारा 15,000 से अधिक राशि निकाल लिया है इसके अलावा लकड़ी सब्जी के नाम पर भी हजारों रुपए फर्जी बिल लगाकर आहरण करने का आरोप लगाया जा रहा है सबसे खास बात तो यह है कि हजारों रुपए निकालने की जानकारी ग्रामीणों के साथ पंच को तक नहीं हो पाया और अब फर्जीवाड़ा की खुलासा होने के बाद ग्रामीणों के पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि इस तरह की व्यवस्था पलायन मजदूरों के लिए बिल्कुल भी नहीं किया गया है बल्कि क्वॉरेंटाइन मैं रहने के दौरान मजदूरों से सौतेला व्यवहार कर खरी-खोटी सुना जाता रहा है

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