
* स्वर्गीय पत्रकार शिवराम कावरे के पिता थे | 1 अप्रेल 2021 को किया गया अंतिम संस्कार |
(बीजापुर ब्यूरो ) समैया पागे | कुछ साल पहले शिवराम कावरे की गंभीर बीमारी के कारण निधान हो गए। बता दें कि उनके पिता कावरे दुर्गेया उम्र लगभग 67 लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वही 30 मार्च 2021 को रोजाना की तरह हल्का-फुल्का भोजन करके बिस्तर में लेटे रहें। अचानक रात में सेहत में गिरावट आने से सीरियस परिस्थिति में परिजन देरी किए बिना दुसरे दिन सुबह 31 मार्च 2021 को उपचार प्रदान करने वाली तत्कालीन स्पेशल गाड़ी से मेडिकल कॉलेज जगदलपुर पहुंचाया गया। जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया था। जिनका अंतिम संस्कार 1 अप्रेल 2021 को उनके गृह ग्राम पांडपाल में 12 बजे किया गया। ज्ञात हो कि कुछ साल पहले घर का सबसे बड़ा चिराग बुझ गया था। घर में सबसे बड़ा सबका प्यारा था। युवा बेटों को कोने के ग़म से परिवार उबर नहीं बने अब पिता के मौत के दुःख को कैसे बचाएंगे। माता-पिता का आज्ञाकारी पुत्र उन्हें छोड़कर चला गया। यह बात की टीस परिजनों को खाए जा रही थी। इस बीच एक बार फिर परिवार में पिता के मौत के बाद परिवार में प्रणाम पसार गया। विलाप करता परिवार और परिवार से आया रिस्तेदार और उनके चाहने वालों के जुबान से यही सुनाई दे रहा है कि सरल, सुगम और शांतिप्रिय स्वभाव के धनी व्यक्ति हैं। घर में कोई मेहमान आया था तो वह सबसे पहले खातिरदारी में जुट जाता है। सदगुरु (आध्यात्मिक क्षेत्र में) जीवन भर निष्ठापूर्वक मांस मछली अंडे शराब धूम्रपान का सेवन किए गए समयत तक भक्ति में लगे हुए हैं। कभी भी किसी की बात का कोई बुरा नहीं मानता। उनमें सेवाभाव कूट-कूट कर भरा हुआ था। उनकी पांच लड़कियां हैं जिनमें श्रीमती लोकेश्वरी पागे शकुंतला, श्रीमती भोगेश्वरी झाडी, श्रीमती विजय गांग दुर्गम, शिवानी कावरे, और दो लड़के चरणदास कावरे, श्री दुष्यंत कावरे नन्ना सा पोता सहित भाई के पुत्र श्री शंकर कावरे, राम किस्तु कावरे, विराटवर विद्याधर विद्याधर थे। भरत कावरे, धनेश कावरे, तीन कीमताद व सहधर्मिणी भरी-पूरी हंसता-खेलता परिवार को रोता बिलखता छोड़कर हमेशा के मौत के आगोश में शाम हो गई। उनके अंत्येष्टि में महाराष्ट्र, सोमनूर, कमलापुर, टेकडा से पहुंचे रिश्तेदार भाई बहिन सहित ऑनलाइनज के छोटे बड़े बुजुर्ग महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंचे लोग व मीडिया मृतात्मा और परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त किए गए।
