(नगरी ब्यूरो ) राजशेखर नायर | जूनापानी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। यहां भी अंगिरा ऋषि ने तपस्या की थी – राजू सोम ग्राम धटुला के ग्रामीणों ने शासन से जूनापानी स्थित अंगिरा ऋषि तप स्थल को ,पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है। घटुला बस स्टैंड से लगभग एक ,डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर जंगलों के बीच स्थित जूनापानी को प्रकृति ने खूबसूरती से नवाजा है।दुर्गम वन क्षेत्र होने से इस पर्यटन स्थल का विकास नहीं हो पाया।ग्राम धटुला सरपंच राजू सोम के अनुसार जूनापानी में स्थित आश्रम में अंगिरा ऋषि ने तप किया था। पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने की वजह से इस पर्यटन स्थल का भी विकास किया जाना चाहिए। ग्राम के ही गुड़ेश्वर साहू के अनुसार वनवास काल में श्रीराम, सीता माता और लक्ष्मण का यहां आगमन हुआ था। सीता मैया को प्यास लगने पर श्री राम भगवान ने बाण से यहाँ कुंड बनाया। कुंड का पानी कभी नही सुखता।आज भी कुंड का जल वन्य प्राणीयों व श्रद्धालुओं की प्यास बुझाता है ।पुजारी सीताराम साहू ने बताया की अंग्रेज जमाने में यहां राजस्थान से आए हुए एक महात्मा, जिनका नाम मेहर बाबा था।मेहर बाबा ने अपने अंतिम सांस तक ,यहीं रहकर ,कुटिया बनाकर तपस्या की। ग्राम के लखन लाल नाग, गाढ़ा राम ध्रुव, प्रताप ध्रुव, रहेराम साहू, बिरेंद्र मिश्रा, गोडेश्वर साहू, सुरेंद्र नाग, रवि साहू ने जूनापानी को जल्द से जल्द पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने शासन से मांग कि है। सड़क ,बिजली, पानी व भवन निर्माण करने व बाबा के जर्जर आश्रम की कुटिया के जीर्णोद्धार की मांग की है।
जूनापानी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए यहां अंगिरा ऋषि ने तपस्या की थी – राजू सोम
