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गोधन न्याय योजना को मिला स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड

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रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना को पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड (SKOCH Gold Awardसे सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस शानदार उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों के साथ कृषक कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. 20 मार्च को नई दिल्ली में स्कॉच ग्रुप ने छत्तीसगढ़ को ये अवार्ड दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर हरेली पर्व पर 20 जुलाई से गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई थी. योजना के तहत पशुपालकों और ग्रामीणों से 2 रुपये प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदी की जा रही है. खरीदे गए गोबर से गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों की मदद से वर्मी कम्पोस्ट बनाया जा रहा है. योजना की शुरुआत से अब तक खरीदे गए गोबर के एवज में पशुपालकों और ग्रामीणों को 88 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

सीएम बघेल ने दी बधाई
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों और कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही है. इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी मिल रही है. लोकसभा में भी इस योजना की सराहना हुई थी. साथ ही इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने की सिफारिश की गई है.

क्या है स्कॉच ग्रुप?
स्कॉच ग्रुप सामाजिक आर्थिक मुद्दों पर काम करने वाला भारत का अग्रणी थिंक टैंक है. यह ग्रुप भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों, परियोजनाओं और संस्थाओं को सम्मानित करता है.

वर्मी कंपोस्ट का किया जा रहा उत्पादन
गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन सुराजी गांव योजना के तहत कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सहाकारिता विभाग सहित विभिन्न विभागों के समन्वय से किया जा रहा है. गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में 15 मार्च तक 1 लाख 18 हजार 611 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया गया है. इसमें से 83 हजार 900 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय भी किया जा चुका है. गोधन न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के 1 लाख 62 हजार 497 पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं. इनमें 70 हजार 299 भूमिहीन ग्रामीण शामिल हैं.

आमदनी का जरिया बनेगा गोधन न्याय योजना

गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों में 44.55 प्रतिशत महिलाएं हैं. इस योजना के तहत अब तक पशुपालकों से 44 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है. सीएम बघेल का कहना है कि गोधन न्याय योजना से प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, फसलों की चराई पर रोक लगेगी, कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होने के साथ ग्रामीणों को आमदनी का अच्छा जरिया मिलेगा.

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