पुलस्त शर्मा/ मैनपुर : छत्तीसगढ़ शासन भूपेश बघेल सरकार के द्वारा नरवा, गरवा,घुरवा, बारी छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी विकास मूलक छत्तीसगढ़ के ग्रामीण परिवेश के परिदृश्य को लेकर जो परिकल्पना किया गया है वह साकार होता ग्रामीण अंचलों में नहीं दिख रहा है इसका कमजोरी किस पर थोपा जाए यह समझ से परे दिखता है। विगत 2 वर्षों से राजा पड़ाव क्षेत्र के जरहीडी़ह ग्राम के दिव्यांग कार्तिक राम नेताम पिता पंचम राम नेताम उम 35 वर्ष जाति गोड़ जो वार्ड स्तर पर कांग्रेस के नीति और सिद्धांतों को अवगत कराते हुए कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित है जिसने अपने गांव में सिंचाई सुविधा को लेकर के जो परिकल्पना छत्तीसगढ़ शासन कृषि विभाग को अवगत कराया गया था। उस पर अमल होता नहीं दिख रहा है ।ज्ञात हो,कि ग्राम जरहीडीह के पुराना तालाब जिसमें गर्मी के दिनों में पानी बिलकुल ही नहीं रहता है।लेकिन उसके नीचे में अजूबा सुरंग गड्ढा है, जिसके कारण बारहमासी पानी का बहाव होते रहता है जो ग्रामीणों के निस्तारी,मवेशियों के लिए व कृषि कार्यों के लिए सिंचाई का व्यवस्था हो सकता है जिसका पानी का बहाव कभी कम नहीं होता बारहमासी पानी का बहाव होते रहता है उसी स्थान पर दिव्यांग कार्तिक राम ने 2 वर्ष पूर्व कृषि विभाग को नाला बंधान के लिए आवेदन दिया गया था।लेकिन उस पर कृषि विभाग के द्वारा कुछ कार्य नहीं करते हुए आज तक नरवा,,गरवा,घुरवा, बारी के परिकल्पना को साकार नहीं कर रहा है जिसके कारण से दिव्यांग कार्तिक राम बेहद परेशान हैं। प्रेस विज्ञप्ति में कार्तिक राम ने कहा कि अगर उस स्थान पर नाला बंधन या अन्य व्यवस्था पानी को रोकने के लिए किया जाता है,तो सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम नरवा योजना सफल हो सकता है। इस पर ध्यान दिए जाने का जरूरत है अन्यथा नरवा कार्यक्रम हमारे क्षेत्रों में कागजों पर ही होता नजर आएगा सबसे अच्छा पानी को रोकने के लिए उपयुक्त नाला को बांधने के लिए कार्तिक राम ने शासन प्रशासन को अवगत कराया गया है। इस पर अमल होता है,कि नहीं,,आने वाला भविष्य ही बताएगा।
नाला बंधान के लिए भूपेश बघेल सरकार से दिव्यांग कार्तिक राम ने लगाई गुहार
