- बाज़ार मांग के अनुसार होगी औषधीय पौधों की व्यवसायिक खेती
संजय महिलांग/ नवागढ़ : युवा किसान किशोर राजपूत ने ग्राम बावमोहतरा बेमेतरा में 100 एकड़ भूमि लीज पर लेकर जिले का पहला निजी औषधीय पार्क स्थापित कर जिले के किसानों को नई राह दिखाई है। किशोर राजपूत इसके पहले उत्तर भारत में उगने वाली सतावर,लेमनग्रास, खस,सर्पगंधा की खेती कर सफलता हासिल किया है। सफलता मिलने के बाद उक्त हर्बल खेती को विस्तार करने का फैसला लिया हैं।
बड़े शहरों में औषधीय पौधों की बहुत मांग है
बढ़ते प्रदूषण और घटते पर्यावरण के कारण असाध्य रोगों के गिरफ्त में आए बड़े शहरों के लोगों में औषधीय पौधों की मांग बहुत ज्यादा हो रही हैं अभी सतावर को नई दिल्ली में लेमनग्रास पत्तियों को अहमदाबाद, काला चावल मुंबई और नोएडा,खरगोन, ,सर्पगंधा को दिल्ली,कलकत्ता,गुलबर्गा कर्नाटका में बेचे है।
विदेशो से भी ऑडर मिला है
भारत के अलग अलग राज्यों में अपनी औषधीय पौधों को बेचने के दौरान सम्पर्क में व्यपारियों से पुनः मिले ऑडर के अलावा विदेशों से भी औषधीय पौधों को खरीदने की डिमांड आई हैं।जिस अनुपात में व्यपारियों की मांग आ रही ई हैं उसके लिए ज्यादा रकबे में खेती करने की आवश्यकता है।आज के तारीख में विदेशी व्यपारियों ने उत्पादन खरीदने में रुचि दिखाई है जिनमें इमरान नदीम रियाद सऊदी अरब पुच्चू भूटान,जम्मन शाह ढाका बंग्लादेश,नज़रुल टानजून सैनजय, सुलवासी, सेलटान इंडोनेशिया, मदन गोपाल खेमका काठमांडू नेपाल, मेघराज ओझा विराट नगर नेपाल सहित कई देशों के व्यपारी शामिल है।
माँग पूरा करने बरसात में लीज लेकर करेंगे 500 एकड़ में खेती-
देश और विदेश से मिल रहे औषधीय पौधों के ऑडर को पूरा करने के लिए आने वाले बरसात में 500 एकड़ मे जड़ी बूटियों खेती करने का लक्ष्य है।
किसानों के वरदान सिद्ध हो सकता हैं औषधीय पौधे
करोंना संक्रमण के कारण आज पूरी दुनिया आयुर्वेद की ओर पुनः तीव्र गति से आया है समय के साथ बाजार के माँग के अनुसार औषधीय पौधों सतावर,सफेद मूसली, काली हल्दी,सर्पगंधा, लेमनग्रास, खस, स्टीविया, पाषाण भेद, कलिहारी, तुलसी, की व्यवसायिक खेती करना किसान भाइयों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा रसायन मुक्त गौ आधारित खेती करने से धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, लागत कम होगा,मित्र-कीट,जीव- -जंतु भूमि में बढ़कर उत्पादन बढ़ाएगा जिससे आमदनी डबल हो सकता है बाजार में मांग ज्यादा होने और मूल्य ज्यादा होने का सीधा लाभ किसान भाइयों को मिलेगा।
शासन दे रही औषधीय पौधों की खेती में अनुदान
छत्तीसगढ़ शासन रायपुर द्वारा संचालित औषधीय पादप बोर्ड औषधीय पौधों की व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अलग अलग फसलों पर अनुदान दे रही हैं। निर्धारित लागत और अनुदान तालिका इस प्रकार है:-
अश्वगंधा 10000—20%अनुदान
गिलोय 11000—20%
सतावर 20000–20%
ब्राम्ही 10000 –20 %
घृतकुमारी 17000– 20%
कोलियस 17200–20%
आंवला 26000—20
केवाँच 8000—20%
बायविडंग 17000— 20%
गुड़मार 10000—-20%
नीम 15000— 20%
कलिहारी 55000—50%
बेल 16000—-50%
बिदारी कंद 20000—50%
गम्भारी 18000—50%
सर्पगंधा 25000—50%
विजयसार 50000—50%
गुगल 64000—75%
चंदन 75000—75%
हर्बल पार्क में औषधीय पौधों की नर्सरी विकसित की जाएगी जिसमें सौ से अधिक प्रजाति के हर्बल पौधे लगाए जाएंगे। यहां से औषधीय पौधों की नोमिनल रेट पर खरीददारी भी की जा सकेगी। साथ ही इसमें एक हर्बल टी प्वाइंट भी बनाया जाएगा। किशोर राजपूत का कहना है कि हर्बल पार्क में भीड़भाड़ का माहौल नहीं होगा। ऐसा माहौल बनाया जाएगा ताकि भीड़भाड़ व शोर शराबे से दूर लोग हर्बल पार्क में शांति से कुछ समय गुजार सकें।