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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस :  “अभिव्यक्ति , महिलाओं को मिला मुखरित मंच  

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  • पुलिस विभाग की पहल 
किरीट ठक्कर/ गरियाबंद : पुलिस विभाग की पहल पर आज सोमवार 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर ” अभिव्यक्ति , महिला सुरक्षा पर आधारित जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।आरम्भ के कुछ समय बाद ही इस कार्यक्रम का मंच महिलाओं को ही समर्पित कर दिया गया ,जबकि आयोजनकर्ता विभाग के अधिकारी एसपी भोजराम पटेल , एएसपी सुखनंदन राठौर साथ ही वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल दर्शक दीर्घा में नजर आये। मंच पर जिले की 12 से अधिक महिला जनप्रतिनिधि तथा उच्च पदस्थ महिला अधिकारियों ने महिला अधिकारों पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किये। लगभग सभी ने माना कि अब समाज में महिलाओं की स्थिति पूर्व की अपेक्षा सुदृढ़ हुई है। समाज का दृष्टिकोण अब  बदल चुका है हालांकि थोड़ी बहुत बंदिशे आज भी कायम है किंतु उसके लिए महिलाओं को स्वयं का आत्मबल आत्मविश्वास जागृत करना होगा। डिप्टी कलेक्टर रिषा ठाकुर शीतल बंसल रुचि शर्मा अंकिता सोम ने अपने अपने अनुभव विचार और दृष्टिकोण खुलकर मंच पर व्यक्त किये। रिषा ठाकुर ने बताया कि किस तरह उन्होंने अपने पति से पहले कार चलाना सीखा और इसके लिए  उनके पति ने ही उन्हें प्रेरित किया। डिप्टी कलेक्टर तथा वर्तमान में छुरा जनपद की सीईओ रुचि शर्मा ने कहा कि महिला शसक्तीकरण का अर्थ पुरुषवर्ग का विरोध या उनसे टकराव नही है बल्कि स्वयं के आत्मबल तथा सम्मान को जागरूक करना है। उन्होंने अपना अनुभव बताते हुये बताया कि समाज में महिलाओं की आज या कल जो भी स्थिति रही है उसका कारण पुरुष कम और महिलाएं ही ज्यादा रही है। रुचि शर्मा ने ये भी कहा कि संवैधानिक रूप से मिले महिला सुरक्षा कानून का दुरुपयोग ना किया जाये , किन्तु जो वास्तविक पीड़ित हैं उन्हें पूरा हक है। एसडीएम छुरा अंकिता सोम ने अपने अनुभव और विचार व्यक्त करते हुए नारी शिक्षा पर जोर दिया।
राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा सोनकर ने कहा कि पुराने जमाने में बहु बेटियों को घर आंगन की सीमा रेखा में सीमित रखा जाता था आज स्थिति बदल गई है , अनेक मुसीबतों परेशानियों के बावजूद महिलायें आगे आ चुकी है। जनपद पंचायत फिंगेश्वर की अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा साहू ने समाज में स्थापित अपनी पहचान का पूरा श्रेय अपने पति और परिवार को दिया। उन्होंने बताया कि सामाजिक राजनैतिक तथा अन्य कार्यक्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ हुई है , जिले का उदाहरण प्रस्तुत करते उन्होंने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष सहित जिले की पांचो ब्लॉक की जनपद अध्यक्ष आज महिलायें ही है। जिला पंचायत में भी महिला सदस्यों की संख्या लगभग पुरुषों के बराबर है। पुष्पा साहू ने नारी गुणों की तारीफ करते हुये बताया कि महिलाओं में परिवार के लिए अकूत समपर्ण का भाव होता है , इसी गुण की बदौलत वे पूरे परिवार का ध्यान रख पाती है। जनपद अध्यक्ष छुरा टोकेश्वरी मांझी ने ग्रामीण क्षेत्रों की महिला सरपंचों को आगे आने और स्वयं निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने की सलाह दी। श्रीमती मांझी ने भी महिला कानून के दुरुपयोग पर आपत्ति जताई। जनपद अध्यक्ष गरियाबंद श्रीमती लालिमा ठाकुर ने स्वीकार किया कि अपने पति की प्रेरणा से जनप्रतिनिधित्व के क्षेत्र में उन्होंने पहले सरपंच और फिर जनपद अध्यक्ष के रूप में कदम रखा। उन्होंने कहा कि जिस तरह एक सफल पुरुष के पीछे महिला होती है उसी तरह सफल महिला के पीछे पुरुष होता है। जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू ने बचपन से लेकर अब तक के अपने अनुभव बताते हुए कहा कि देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद महिलाओं को आगे आने का अवसर मिला है। गरियाबंद सिटी कोतवाली की महिला टीआई वेदवती दरियों ने मंच से व्यक्तव्य देते हुए कहा कि बगैर नारी किसी समाज कल्पना नहीं कि जा सकती। नारी की सुरक्षा का दायित्व सरकार और पुलिस अतिरिक्त समाज का भी है। उन्होंने कहा कि महिलाओ को शारीरिक मानसिक और आर्थिक रूप से सक्षम बनने का प्रयास करना चाहिए। अंत में कोपरा सरपंच श्रीमती डाली साहू ने भी मंच से अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो ने किया।
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