- 2900 स्व सहायता समूह को मिली आवर्ती निधि की मदद
- स्वरोजगार की दिशा में महिलाएं बढ़ा रही है कदम
तापस सन्याल/ भिलाई नगर : नगर पालिक निगम भिलाई, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने अभूतपूर्व प्रयास कर रही है! नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत 3200 महिला स्व सहायता समूह गठित है! इन सभी महिलाओं को निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी के मार्गदर्शन में रोजगार दिलाने का प्रयास भिलाई निगम द्वारा किया जा रहा है! सहायक परियोजना अधिकारी फणींद्र बोस ने जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए निगम हर स्तर पर कार्यरत है! लगातार स्व सहायता समूह की बैठक उनके क्षेत्र में आयोजित की जा रही है, प्रशिक्षण के माध्यम से बाजार में प्रचलित सामग्रियों के निर्माण एवं आय वृद्धि के साधन के विषय में जानकारी दी जा रही है!
2900 महिला स्व सहायता समूह को प्रदान किया जा चुका है 10000 रुपए आवर्ती निधि निगम भिलाई क्षेत्र में पंजीकृत महिला स्व सहायता समूह के 2900 एसएसजी को 10,000 रुपए आवर्ती निधि दिया जा चुका है! यानी दो करोड़ 90 लाख रुपए महिलाओं को आवर्ती निधि के रूप में दिया गया है! ताकि महिलाएं इन पैसों से अपने रोजगार के साधन को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर बन सकें!
महिलाओं को बैंक लिंकेज कराने का पूरा प्रयास स्व सहायता समूह की महिलाओं को बैंक के माध्यम से सहायता स्वरूप ऋण प्रदान किया जाता है, इसके लिए बैंक लिंकेज कराना आवश्यक है, भिलाई निगम ने इसके लिए बैंक के कर्मचारी एवं स्व सहायता समूह की महिलाओं की बैठक करवाकर दोनों के मध्य समन्वय बनाकर हर स्व सहायता समूह को बैंक से जोड़ने का पूरा प्रयास किया है!
बर्तन बैंक की स्थापना निगम भिलाई में पहली बार बर्तन बैंक की स्थापना महिलाओं द्वारा किया गया! किराया भंडार से सस्ते दर पर महिलाओं द्वारा बर्तनों को किराया में देकर आय अर्जित किया जा रहा है! महिलाओं ने इसमें काफी मुनाफा कमाया है! खुर्सीपार, सेक्टर 4, जवाहर नगर एवं शांति पारा सहित अन्य स्थानों में बर्तन बैंक की स्थापना की गई है! महिलाएं इसे स्वयं संचालित करती है!
छोटे-छोटे व्यवसाय से जुटा रही है आय के बड़े साधन महिलाएं भी पीछे नहीं है इसको चरितार्थ करते हुए स्व सहायता समूह की महिलाओं ने छोटे-छोटे व्यवसाय को अपनाकर आय के बड़े साधन जुटाने की कोशिश की है! महिलाओं ने कपड़ा व्यवसाय, मोमबत्ती, अगरबत्ती, मसाला निर्माण का व्यवसाय, फैंसी व्यवसाय, खिलौने का व्यवसाय, किराया भंडार, सब्जी व्यवसाय, फिनाइल बनाने का कार्य, घरेलू एवं छत्तीसगढ़ी खाद्य सामग्री बनाने का कार्य, सिलाई से संबंधित कार्य तथा अन्य कार्यों को अपनाकर आय अर्जित कर रही है!
बेरोजगारी समाप्त करने अपना रही है कुटीर उद्योग जैसा व्यवसाय स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बेरोजगारी समाप्त करने के लिए कुछ स्थायी मशीनें खरीदकर अपने समूह की अन्य महिलाओं को भी रोजगार देने का काम किया है! स्व सहायता समूह की महिलाओं ने दोना पत्तल बनाने की मशीन, अगरबत्ती बनाने की मशीन, दीया बनाने की मशीन एवं रूई से बत्ती बनाने की मशीन खरीदकर अपना खुद का व्यवसाय प्रारंभ किया है! महिलाओं के इस छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ी सफलता मिल रही है!
निगम ने इन कार्यों का जिम्मा दिया महिलाओं को भिलाई निगम में स्व सहायता समूह की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें गोधन या योजना संचालित करने, शहर के आश्रय स्थल संचालित करने तथा गढ़ कलेवा में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने इन्हें अवसर दिया है! शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं में इन्हें प्राथमिकता दी जा रही है! इसके साथ ही कई ऐसे कार्य जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रबल हो कार्य दिया जाता रहा है! निगम ने जिन कार्यों को महिलाओं को दिया है उसे महिलाएं बखूबी जिम्मेदारी के साथ निभा रही है!
महिलाओं के लिए मदर्स मार्केट बनेगा सबसे बड़ा प्लेटफार्म पावर हाउस के पास निर्माणाधीन मदर्स मार्केट भिलाई शहर की महिलाओं के लिए सबसे बड़ा प्लेटफार्म साबित होगा! महिलाओं द्वारा तैयार किए गए प्रोडक्ट की बिक्री के लिए स्थायी मार्केट न होने के कारण एक बहुत बड़ी समस्या है! इस समस्या को नगर निगम भिलाई ने पूर्णत: समाप्त करने की ठानी है! महिलाओं को अपने प्रोडक्ट को विक्रय करने के लिए कहीं भी भटकने की आवश्यकता नहीं होगी! मदर्स मार्केट के निर्माण कार्य पूर्ण होते ही महिलाओं को एक बेहतर प्लेटफार्म मिलेगा!