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गोधन न्याय योजनांतर्गत 50 लाख रूपए के वर्मी खाद का विक्रय

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  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में गोधन न्याय योजना की भूमिका महत्वपूर्ण

आफताब आलम/ बलरामपुर : राज्य शासन द्वारा पशुपालकों की आय बढ़ाने हेतु प्रारंभ की गई महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना का मूल उद्देश्य जिले में फलीभूत होता दिख रहा है। गौठान में गोधन न्याय योजना अंतर्गत तैयार 5 हजार 28 क्विंटल वर्मी खाद लगभग 50 लाख रूपए में विक्रय किया गया है तथा पूरे राज्य में वर्मी खाद विक्रय में जिला दूसरे स्थान पर है। जिले के 110 गौठानों में गोबर खरीदी कर तैयार वर्मी कम्पोस्ट 10 रूपये प्रति किलो की दर से विक्रय किया गया है। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापति द्वारा गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की सत्त निगरानी से उपरोक्त लक्ष्य की प्राप्ति हुई है। उप संचालक कृषि से प्राप्त जानकारी के अनुसार उद्यानिकी, कृषि तथा वनविभाग द्वारा वर्मी खाद का खरीदी कर उठाव किया गया है। स्व-सहायता समूह की महिलाएं गौठानों में बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर रही है। गोधन न्याय योजना किसानों और पशुपालक के साथ-साथ समूह की महिलाओं के लिए बेहतर योजना सबित हो रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में गोधन न्याय योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है तथा गौपालक इससे जुड़कर तेजी से आय अर्जित करने लगे हैं। वहीं वर्मी खाद विक्रय से गौठान भी स्वावलंबी बनने की दिशा में भी अग्रसर हैं। वर्मी खाद के उपयोग को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है तथा इससे आने वाले समय में भूमि में उर्वकता और फसल उत्पादक बेहतर होने की उम्मीद जगी है।

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