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ईंट भट्ठों की वेदी पर हरे-भरे वृक्षों की बलि

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  • छुरा वन परिक्षेत्र में वृक्षों की कटाई जारी
किरीट ठक्कर/गरियाबंद : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लाल ईंट निर्माण का धंधा खूब फल फूल रहा है। इस अवैध कारोबार की वजह से जंगल के हरे भरे वृक्षों को नुकसान पहुंच रहा है। जिले के छुरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत कनसिंघी बीट में अमेठी , कोठीगांव में ग्रामवासी बेख़ौफ़ लाल ईंट निर्माण कर रहे हैं और ईंटो को पकाने के लिये जंगल के हरे भरे इमारती व फलदार वृक्षों की कटाई कर रहे हैं। इस मामले में खनिज , राजस्व व वन विभाग की कार्यवाही ना के बराबर है। इन दिनों कोठीगांव तालाब के किनारे ईंटो का निर्माण जारी है , ईंटो को पकाने के लिए यहाँ जंगल की लकड़ियों का ढेर लगा दिया गया है। लाल ईंटो के निर्माण से वन पर्यावरण साथ ही भूमि की उर्वरक क्षमता को नुकसान पहुँचता है। ईंट भट्ठों में लगाई गई आग की वजह से वातावरण में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। किंतु स्वयं के आवास निर्माण के लिये ईंट बनाने की मिली छूट का ग्रामीण अनैतिक लाभ उठाते हैं। खनिज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार खुद का घर बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में एक निश्चित संख्या में ईंट बनाने की छूट है , किन्तु इस छूट का नाजायज़ फायदा उठाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस छूट की आड़ में व्यवसाय किया जाता है। स्वयं का घर बनाने की आड़ में ईंट बना कर ईंटों का खुलेआम विक्रय किया जाता है, एक लाट की बिक्री के बाद पुनः निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जाता है। सरकार को  इस मामले में कारगर दिशा निर्देश जारी किये जाने चाहिये , जिससे की इस तरह की कार्यविधि पर अधिकारी ठोस कार्यवाही कर सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के कारोबार के फलने फूलने का कारण मजदुरों की आसान उपलब्धता , मुफ्त में मिट्टी पानी व जंगल की लकड़ियों की व्यवस्था है।
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