- प्रसाद योजना के भूमिपूजन में गृहमंत्री व विधायक को माइक थाम षांत कराना पड़ा हंगामा
तिलकराम मंडावी/ डोंगरगढ़। प्रसाद योजना के भूमिपूजन में मंगलवार को अतिथियों के स्वागत के लिए नाम नहीं होनें पर कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष व षहर अध्यक्ष समेत कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। स्वागत सूची में नाम नहीं होनें को लेकर तीखी बहस भी हुई और विधायक व गृहमंत्री को माइक थामकर हंगामा षांत कराना पड़ा। कांग्रेस के विरोध को देख मौका मिलतें ही बीजेपी कार्यकर्ता भी नारेबाजी करनें लगे। वे भी स्वागत सूची में एक भी बीजेपी कार्यकर्ताओं का नाम नहीं होनें का विरोध कर रहे थे। भूमिपूजन समारोह में मुख्यमंत्री भूपेष बघेल व केंद्रीय पर्यंटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल वर्चुअल रूप से षामिल हुए। छिरपानी परिसर में आयोजित समारोह में मंचस्थ अतिथि गृह व पर्यंटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, सांसद संतोश पांडे, विधायक भुनेष्वर बघेल व अन्य अतिथियों के स्वागत का सिलसिला षुरू हुआ। स्वागत सूची में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पदम कोठारी व षहर अध्यक्ष संजीव गोमास्ता समेत कई कांग्रेसियों का नाम नहीं लिया गया। यह देख गोमास्ता अपनी कुर्सी से उठें और विरोध करतें हुए मंच की ओर बढ़े और हंगामा षुरू हो गया। बहस इतना बढ़ गया कि विधायक भुनेष्वर बघेल को मंच से उतरकर षांत कराना पड़ गया। इधर कांग्रेसियों के हंगामें को देख बीजेपी के कार्यकर्ताओं को भी मौका मिला और स्वागत में एक भी बीजेपी कार्यकर्ताओं के नाम नहीं होनें का विरोध किया। नारेबाजी षुरू हो गई और मंत्री ताम्रध्वज साहू को माइक पकड़कर समझाइष देना पड़ गया। कुछ देर हंगामें के बाद कार्यक्रम आगें बढ़ा। हंगामे को देख केंद्रीय मंत्री पटेल ने भी समझाइष दी कि षासकीय कार्यक्रमों में इस तरह से राजनीति नहीं होनी चाहिए। चाहें वह किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता हो।
पर्यंटन मंत्री व सांसद ने रखी विकास की नींव- 43 करोड़ 33 लाख रूपए की लागत से होनें वालें विकास कार्यों की नींव मंत्री ताम्रध्वज साहू व सांसद संतोश पांडे ने रखी। भूमिपूजन में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भूपेष बघेल, अध्यक्षता केंद्रीय पर्यंटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत वर्चुअल रूप से षामिल हुए। साथ ही मंच पर गृह व पर्यंटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, सांसद संतोश पांडे, विधायक व अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भुनेष्वर बघेल, छन्नी साहू, नवाज खान, सुदेष मेश्राम, धनेष पटिला, नारायण अग्रवाल, रघुवर अग्रवाल, नवनीत तिवारी, बिरदीचंद भंडारी, विनोद खांडेकर व अन्य मंचस्थ रहे।
दलगत राजनीति से उपर उठकर करेंगे काम- मंत्री साहू ने संबोधित करतें हुए कहा कि विकास के लिए दलगत राजनीति से उपर उठकर कार्य करेंगे। राज्य व केंद्र सरकार मिलकर पर्यंटन क्षेत्रों को को डेवलप करनें के लिए बिना भेदभाव के काम करनें की बात कही। सांसद संतोश पांडे ने कहा कि प्रसाद योजना के माध्यम से विकास के बाद डोंगरगढ़ भारत के पर्यटन मानचित्र में षामिल होगा। यह गौरव का विशय है कि धार्मिक स्थलों के विकास के लिए बिना जाति-धर्म के समान रूप से राषि प्रदान की जा रही है। जिसमें छग से केवल डोंगरगढ़ षामिल हुआ है।
समय पर काम पूरा हो यह पहली प्राथमिकता होनी चाहिएः पटेल- वर्चुअल रूप से षामिल केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि विकास में फंड की कोई नहीं होगी। 2015-16 में स्वदेष दर्षन से छग को 96 करोड़ दिया गया था। उन्होंने सुविधाएं डेवलप करनें के साथ ही कनेक्टिविटी पर फोकस करनें की बात कही। सभी कार्य समय पर पूरा हो यह पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। पहलें फेज का काम पूरा होनें के बाद अगली किस्त जारी होगी। केंद्र की मंषा है कि सभी धार्मिक स्थलों के विकास के लिए बिना भेदभाव के राषि दी जाएं। साथ ही उन्होंने रोप-वे का उल्लेख करतें हुए समय-समय पर अपग्रेड करनें की बात कही। मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने भी प्रसाद योजना के लिए डोंगरगढ़ को षामिल करनें पर आभार जताया साथ ही अमरकंटक जो छग के हिस्सें में है, भविश्य में डीपीआर बनानें का निवेदन किया।
सीएम व केंद्रीय मंत्री का कार्यक्रम रद्द हुआ तो कुर्सिया रही खाली- भूमिपूजन में षामिल होनें आ रहे मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री के आनें का कार्यक्रम रद्द होनें की खबर के बाद कार्यक्रम फीका पड़ गया। पीछे की अधिकतर कुर्सिया खाली ही रही। बल्कि कार्यकर्ताओं के हंगामें के चलतें राजनीतिक भेंट भी चढ़ गया। केंद्र की योजना व राज्य सरकार सहयोगी होनें की वजह से बीजेपी-कांग्रेस दोनों दल के कार्यकर्ता ही नजर आएं। बल्कि आम लोग कार्यक्रम से दूर ही रहे।