- लोक कल्याणकारी किसान हित और सबका कल्याण हो, इस सोच के साथ पेश हुआ है छत्तीसगढ़ का बजट
आफताब आलम/ बलरामपुर : छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने जन हितेैषी फैसले करके पिछले लगभग 2 वर्षों में 15 साल से छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था और बदहाल छत्तीसगढ़ को बदलने की सार्थक पहल की है। वित्तीय प्रबंधन की जिस तरह से नई मिसाल छत्तीसगढ़ में गढी गई है वह देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय है। कोरोना के दौरान छत्तीसगढ़ निरंतर लॉकडाउन के बावजूद अर्थव्यवस्था जिस तरह से रही उसे अभूतपूर्व प्रदर्शन कहा जा सकता है। पिछले 15 सालों में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के कारण छत्तीसगढ़ में गरीबों की संख्या लगातार बड़ी कुपोषण भी निरंतर बढ़ता रहा परंतु छत्तीसगढ़ के सपनों को साकार करने के लिए जिस तरह से भूपेश बघेल के नेतृत्व की सरकार ने काम किया उससे ऐसा लगने लगा कि छत्तीसगढ़िया मानुष के पुरखों ने जो सपना देखा था वह छत्तीसगढ़ में साकार हो रहा है। सुराजी जैसे कार्यक्रम के माध्यम से छत्तीसगढ़ में निरंतर बदलाव लाने का प्रयास किया गया गोधन न्याय जैसी योजनाएं लाई गईं जिसका परिणाम हुआ कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद बाजार मूल्य त्वरित अनुमान के अनुसार गत वर्ष दो हजार अट्ठारह उन्नीस की तुलना में वर्ष 2019- 20 में 5.12% की वृद्धि हुई है जिससे कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र वन पशुपालन और कृषि में 3.67% उद्योग के क्षेत्र में जिसमें निर्माण विनिर्माण खनन उत्खनन विद्युत गैस व जलापूर्ति सम्मिलित है में 3.43% एवं सेवा के क्षेत्र में 7.71% की वृद्धि हुई। देश के प्रति व्यक्ति आय में 5.41% की बड़ी गिरावट के मुकाबले छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय में गिरावट नहीं के बराबर है और मात्र 0.14% है जो स्पष्ट करता है कि भूपेश बघेल सरकार की नीतियां जिस तरह की है उसे छत्तीसगढ़ के लोग खुशहाल बने हुए हैं। 2,000 1920 के अग्रिम अनुमान पिछले वर्ष की तुलना में बाजार मूल्य स्थिर भाव पर 231182 करोड रुपए से बढ़कर 243407 ₹700000000 हो गई है जो 5.32% वृद्धि है छत्तीसगढ़ राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण 2020 21 को सरकार की नीतियों पर अर्थव्यवस्था की मुहर कही जा सकती है अखिल भारतीय विधि दर से तुलनात्मक रूप से छत्तीसगढ़ की वृद्धि दर काफी बेहतर है वर्ष 2020 21 में कोविड-19 महामारी एवं लॉकडाउन के बावजूद कृषि एवं सेवा के क्षेत्र में वृद्धि का सकारात्मक रुझान 4.6% और 0.75% है शासन की नीति नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी विकास योजना के प्रभाव यानी सुराजी योजना को सीधे सशक्त रूप से प्रभावी दिखाता है इसके विपरीत भारत के कृषि क्षेत्र में मात्र 3.38प्रतिशत वृद्धि है और सेवा क्षेत्र में 8.77% की गिरावट है औद्योगिक क्षेत्रों में भी छत्तीसगढ़ में कोरोना और लॉकडाउन के बावजूद 5.28% की गिरावट आई है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह गिरावट 9.57% है।
राज्य का बजट किसानों को आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों की समृद्धि गांव की आर्थिक प्रगति शिक्षा में गुणवत्ता एवं प्रगति के नए आयाम के साथ-साथ स्वास्थ चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़े वर्गों के कल्याण महिला एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास युवाओं को रोजगार उधमिता के नवीन अवसर के सृजन ग्रामीण एवं शहरी अधोसंरचना को तेजी से विकसित करने तथा जनता के प्रति संवेदनशील प्रशासन की भावना के साथ प्रदेश के लोगों को समर्पित है यह बजट छत्तीसगढ़ के जन जन के विकास यानी समग्र विकास का सूचक है जिसमें किसानों श्रमिकों वनवासी भाइयों माताओं बच्चों बुजुर्गों का समान रूप से अवसर और ध्यान रखा गया है विकास की अवधारणा में बड़े नगरों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ सुदूर दुर्गम क्षेत्र के गांव में भी बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी है विकास की प्रक्रिया में सुशासन की स्थापना के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करने की योजना है साथ ही अपनी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षण रखने और उन्हें चिरंजीवी रखने के लिए पूर्ण प्रयास किए जाने की योजना भी बनाई गई है।
महिला और बच्चों की पोषण सुरक्षा को पूरी तरह से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ध्यान में रखा जा रहा है और इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्तीय संस्थान बालिका के जन्म पर राज्य द्वारा ₹5000 की एकमुश्त सहायता राशि देने का नए बजट में प्रावधान रखा है इसके जिसे नवीन कौशल्या मातृत्व योजना प्रारंभ की जाएगी इस नए बजट में पोषाहार योजना के लिए 732 करोड और आंगनबाड़ियों के सुधार और निर्माण के लिए उन 40 करोड़ का प्रावधान रखा गया है जो अपने आप में अभूतपूर्व हैं। बुजुर्गों का खास ख्याल रखते हुए सभी संभाग मुख्यालयों पर आदर्श पुनर्वास केंद्र की स्थापना हेतु ₹1 करोड 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
नरवा यानी नालों के संवर्धन के लिए हर स्तर पर संरक्षण का प्रयास और तेजी से करने प्रदेश भर में 392 करोड़ की लागत से 441 नालो का चयन कर जल संरक्षण का कार्य भी किया जाएगा इतना ही नहीं किसानों के खेतों तक आवागमन की सुविधा देने के लिए कच्चे धरसा को पक्के मार्ग में बदलने के लिए मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना भी प्रारंभ की जाएगी और इसके लिए 10 करोड़ बजट में प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज के 100 बिस्तर अस्पताल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राखी नवा रायपुर को 50 बिस्तर अस्पताल में उनके अतिरिक्त पदों की स्वीकृति हेतु इस बजट में एक करोड़ का प्रावधान किया गया है।वनांचल क्षेत्रों में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के माध्यम से निशुल्क स्वास्थ्य जांच चिकित्सा सुविधा और दवाइयों के वितरण के लिए ग्रामीण सुविधाओं को बेहतर बनाए जाने के लिए बजट में ₹13 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
छत्तीसगढ़ के राज्य बजट में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2021 22 वित्तीय वर्ष के लिए कोई भी नया कर का प्रस्ताव नहीं रखा गया है राज्य का सकल वित्तीय घाटा 17हजार 461 करोड़ अनुमानित है जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.56% है वर्ष 2020-21हेतु कुल प्राप्तियां 97हजार145 करोड के विरुद्ध शुद्ध व्यय 97 हजार 106 करोड़ अनुमानित है इन वित्तीय संव्यवहारों के फलस्वरुप 39 करोड़ की बजट अनुमानित है वर्ष 2020-21 का संभावित घाटा 1हजार 95 करोड़ को शामिल करते हुए वर्ष 2021-22 के अंत में 1हजार916 करोड़ का बजट घाटा अनुमानित है।
छत्तीसगढ़ का बजट छत्तीसगढ़ के जन-जन के हित में सबका है ख्याल सबका हो भला इस तर्ज पर तैयार किया गया है जो छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाइयों की ओर ले कर जाएगा।
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