प्रांतीय वॉच

जुगाड़ लगाकर मोबाइल के बैटरी चार्ज करते हैं जंगल में रहने वाले वनवासी

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पुलस्त शर्मा/ मैनपुर : गांव बस्ती को छोड़कर लघु वनोपज संग्रहण करने के लिए जंगल क्षेत्र के रहवासी जंगलों में ही अपने खेती जमीन के किनारे ही लारी बनाकर निवास किया करते हैं। आज के परिवेश में छोटे बड़े अमीर गरीब के पास भी एक दूसरे से बातचीत करने के लिए जिओ मोबाइल का पहुंच है जहां विद्युतीकरण/ वैकल्पिक सौर ऊर्जा भी नहीं है। घनघोर जंगलों में भी वनवासी अंधेरो मे रहकर जिंदगी गुजारते हैं लेकिन अपने मोबाइल के बैटरी को चार्ज करने के लिए एक छोटा साइज का सौर ऊर्जा पैनल को बाजार से खरीदी करके उसी में बैटरी को चार्ज किया करते हैं। कुछ घंटों में मोबाइल की बैटरी चार्ज हो जाने से जंगलों में रहकर भी अपने चिर परिचित सगा संबंधियों से बातचीत का दौर निरंतर चलते रहता है। जिससे गांव और जंगल मे बनाया गया लारी के बीच में जो दूरियां हैं जिओ मोबाइल टावर आने के बाद वह कम हो गई है।

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