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गर्मी ने अभी क्षेत्र में दस्तक भी नही दी है कि क्षेत्र में लो वोल्टेज के साथ बिजली की आंख मिचौली से किसान परेशान

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  • लो वोल्टेज व बिजली कटौती से दरारे आने लगी है खेतो में

यामिनी चंद्राकर/ छुरा : अभी गर्मी ने दस्तक भी नही दी है कि क्षेत्र के किसान व व्यापारी बिजली समस्या को लेकर अभी से बेबस व परेशान नजर आने लगे है। छुरा क्षेत्र के ग्राम मड़ेली के किसान दिनेश साहू के खेतों में दरार पड़ने लगी है उनका कहना है कि उन्होंने अपने खेत मे रवि फसल लगाया है लेकिन लो वोल्टेज व बिजली की आंख मिचौली के चलते बोर लोड नही उठा रहा है जिसके चलते उनके खेत मे दरारे आने लगी है अभी तो गर्मी शुरू नही हुई है और क्षेत्र में बिजली का यह हाल है आने वाले गर्मी के दिनों में क्या होगा उनके फसल को प्रायाप्त पानी नही मिली तो क्षेत्र के किसान को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली कटौती व बार-बार खराबी आने से लोगों में आक्रोश है। बिजली समस्या का असर खेती किसानी पर भी पड़ रहा है। बिजली बंद होने से कृषि पंप व बोर से पानी नही मिल रहा । इससे सिंचाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इस सबके बाद भी अधिकारी मानने को तैयार नहीं कि बिजली की परेशानी है।
ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण क्षेत्रों का बुरा हाल है। लो वोल्टेज की समस्या जैसे पहले थी, वैसे आज भी है। इसका खामियाजा आम जनता के साथ किसानों को भी भुगतना पड़ रहा है। वैसे तो छुरा क्षेत्र के आसपास में मौसम अनुसार रबी के साथ खरीफ फसलें भी ली जाती है। सिंचाई का प्रमुख साधन नदी व नहर है। इसके अलावा कृषि पंप व बोर से भी आवश्यकता अनुसार सिंचाई कार्य किया जाता है। लेकिन यहां के कई गांव में बिजली कटौती, लाइन फाल्ट आने व लो वोल्टेज की समस्या के कारण कृषि पंपो क नियमित रूप से संचालन नही हो पा रहा है।हर गांव ग्रामीण क्षेत्र में सैकड़ों किसानों ने धान व सब्जी की खेती के लिए कृषि पंप से सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन लिया है। खरीफ की फसल के लिए वे मानसून की बारिश व नहर के पानी पर निर्भर रहते है। लेकिन बारिश ठीक से नही होने व नहर का पानी जिन गांवाें तक पहुंच की सुविधा नही है। वहां किसानों को कृषि पंपों के भरोसे रहना पड़ता है। लेकिन बार-बार बिजली गुल होने से पंप या बोर से पानी लेना मुश्किल होता है। ग्रामीणों की शिकायत है कि बिजली कटौती के साथ मौसम बदलते ही बिजली व्यवस्था बिगड़ जाना उनकी सबसे बड़ी परेशानी बन गई है। इस समस्या का सामाधान समय रहते नही किया गया तो क्षेत्र के किसानों को बड़ी आर्थिक क्षति पहुचने की संभावना से इनकार भी नही किया जा सकता।

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