प्रांतीय वॉच

पुराणों के क्रम में भागवत पुराण पांचवा स्थान है : रुपसिंग

Share this
पुलस्त शर्मा/ मैनपुर : गरियाबंद ग्राम देवसरा सोरिदखुर्द टेवारी फिंगेश्वरी खुड़सा सभी ग्रामों के बीच स्थित श्री वेदव्यास बाबा आश्रम स्थित समस्त ग्रामवासी एवं प्रवचनकर्ता श्री बालव्यास (बालक दास) ओंकार दास जी के सानिध्य में सात दिवसीय श्रीमद् गीता ज्ञान महायज्ञ समापन कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि के रूप में रुपसिंग साहू सामाजिक कार्यकर्ता एवं कार्यकारी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ युवा प्रकोष्ठ रायपुर संभाग ने पहुंचकर आश्रम के चारो दिशा में भगवान की विराजित मूर्तियां में घूम घूम कर पूजा अर्चना एवं साधुओं संत से आशीर्वाद लिए एवं भगवान बरदे बाबा जी का सिर झुका कर प्रणाम करते हुए इस क्षेत्र अंचल के लिए सुख समृद्धि खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगा व अपने उद्बोधन में कहा कि गीता सिद्धांतों की जननी आदर्श की प्रस्तुति मां गीता मां हमें दिव्या भाव से भर देती है जिसके द्वारा संसार में रहकर भी हम संसार में विरक्ति प्राप्त कर सकते हैं ऐसे महान गीता पाठ भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि अर्जुन के मन के अंदर उठने वाले विचारों से इच्छा उत्पन्न होती है और फिर हम उसे पूरा करने में कार्य करने लगते हैं और जब हमें प्राप्त नहीं होता है तो हमें क्रोध आता जाता है उसके वशीभूत होकर हम पाप की ओर अग्रसर होते हैं दूसरों को बुरा सोचने लगते हैं इस प्रकार अपने जीवन को नाश की ओर ले जाते हैं हमें इच्छाओं का त्याग कर कर्म की ओर आगे बढ़ना चाहिए कर्म करो फल की इच्छा ना करो क्योंकि कर्म का फल देने वाला अधिकार भगवान श्री कृष्ण को हैं आज सत्य का उपयोग लोग अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए ही करने लगे हैं जिसके कारण इसका रूप बड़ा ही संकीर्ण और कठिन हो गया है वास्तव में सत्य सार्वजनिक और सरल है जो धीरे-धीरे विकृत और विलुप्त होते जा रहे हैं आज की युवा पीढ़ी सत्य के वास्तविक स्वरूप देख ही नहीं पा रही है इसमें झूठ की इतनी परतें चढ़गई है कि सत्य कहीं गुम सा हो गया है और मज़े की बात यह है कि झूठ़ को भी सिद्ध करने के लिए सत्य का सहारा लेकर सत्य की पोसाग पहनाई जा रही है आज सत्य की बात समाज का प्रत्येक व्यक्ति कर रहा है सत्य से सबको प्रेम भी खूब है लेकिन दुख की बात यह है कि हर व्यक्ति केवल दूसरों से उसके प्रति सत्याचरण की अपेक्षा रखता है कभी-कभी तो ऐसा भी देखने में आता है कि खुद किसी से झूठ बोलकर छल करता है उसे अपनी बुद्धिमानी तथा कोई और उसके साथ वैसा ही व्यवहार करें तो उसे लंबा चौड़ा भाषण देकर धर्म की दुहाई देते हुए पापी सिद्ध कर देता है और यही कारण है कि आज सत्य केवल किताबों में ही सिमटकर रह गया है यहां पर उपस्थित सभी आसपास ग्रामीणों ने श्रद्धालु एवं भक्तगण उपस्थित होकर अपना काम में हाथ बंटाते हुए यहां खाने के लिए भंडारा का भी व्यवस्था किया गया करीब 200 से 300 लोग उपस्थित होकर भागवत गीता का आनंद उठाते रहे।
Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *