- भाजपाई युवाओं के महाराजा की दौड़ में दिलीप जायसवाल सबसे आगे
अक्कू रिजवी/ कांकेर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित हुई है तभी से इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांकेर में जिला अध्यक्ष किसे बनाया जाएगा ? इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कांकेर जिले के भाजयुमो अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं की गई है जबकि प्रदेश के अधिकतर जिलों के भाजयुमो अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है । इसी कारण कांकेर के राजनीतिक क्षेत्रों में अटकलों तथा अफवाहों का बाजार गर्म है। हमारी जानकारी के अनुसार भाजपाई सूत्रों की चर्चा पर ध्यान दें तो 4 नाम उभरकर सामने आ रहे हैं। इन्हीं में से किसी एक को कांकेर जिले का भाजयुमो अध्यक्ष बनाया जा सकता है, ऐसी संभावना है ,यह 4 नाम हैं, संजू गोपाल साहू, अंशु शुक्ला, राजा पांडे ,तथा वरुण खापर्डे, इन सभी के अपने अपने समर्थक अपने अपने छोटे-छोटे दल हैं और अपने अपने क्षेत्र में यह सभी कुछ ना कुछ लोकप्रियता अवश्य रखते हैं ।अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि भाजपा में गुटबाजी यहां से राजधानी तक है । अब तक यह होता था कि चुनाव आदि के अवसरों पर सारे ग्रुप एक हो जाते थे लेकिन इस बार मामला कुछ टेढ़ा नजर आने लगा है ,क्योंकि उपरोक्त चारों में सभी अपने को जिला अध्यक्ष पद हेतु योग्य समझते हैं और उनके समर्थक भी इस बात को हवा देते हैं। ऐसे में रायपुर स्थित भाजपा हाईकमान पशोपेश में हैं कि कांकेर में किसे युवाओं का अध्यक्ष घोषित किया जाए,क्योंकि जो भी निर्णय होगा वह आगामी चुनाव पर तो प्रभाव डालेगा ही, क्योंकि भविष्य में भारत के सभी राजनीतिक दल युवाओं के भरोसे ही जीत सकते हैं । इसी बात को ध्यान में रखते हुए उक्त चारों युवा अपना अपना बैकग्राउंड मजबूत कर रहे हैं तथा अधिक से अधिक सदस्यों को अपने पक्ष में करने हेतु रात दिन एक कर रहे हैं । उनका यह भी विचार है कि जो भी अध्यक्ष होगा वह कांकेर जिले से ही होना चाहिए, ऊपर से थोपा हुआ अथवा आयात किया हुआ अध्यक्ष नहीं चलेगा ।यदि ऐसा हुआ तो पार्टी में फूट पड़ने से कोई नहीं रोक पाएगा और आने वाले हर चुनाव के नतीजे भाजपा के विपरीत भी जा सकते हैं जैसा कि पिछले विधानसभा चुनाव तथा नगरपालिका चुनाव में हुआ था। इस प्रकार से उक्त चारों उम्मीदवारों की उपरोक्त राय बहुत ठीक मालूम पड़ती है क्योंकि जहां-जहां भी आयातित अथवा थोपे हुए नेता किसी भी दल में रहे हैं ,उसका बंटाधार तो होता ही है, यह सारी जनता जानती है । यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा हाईकमान कांकेर के युवा भाजपाइयों को कौन सा अध्यक्ष देते हैं स्थानीय अथवा बाहरी? सबका चहेता अथवा बाहर से थोपा हुआ? फिलहाल कांकेर शहर तथा जिले में इसी प्रकार की चर्चाएं गली गली में चल रही हैं।