टीकम निषाद/ देवभोग। वर्षों से डिप्टी रेंजरो को रेंज का प्रभार देने की परंपरा को तोड़ने के लिए इस बार रेंजर एसोसिएशन आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिखाई पड़ रहा है ।क्योंकि प्रदेश में ऐसे कई जगह है जहां फुल फ्लैश रेंजर को हटाकर डिप्टी रेंजर को प्रभार दिया गया है। जिससे नाराज रेंजर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री मंत्री सहित शीर्ष अधिकारियों को कार्यवाही के लिए अवगत कराया। लेकिन अब तक परिणाम संतोषजनक नहीं मिल पाया है ।शायद यही वजह है कि अब रेंजर एसोसिएशन न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में दिख रहे हैं ।उल्लेखनीय हाे की पांडुका फिंगेश्वर नवागढ़ सहित पूरे छत्तीसगढ़ के वन विभाग में करीब 100 डिप्टी रेंजराे को वन अधिनियम की धज्जियां उड़ा कर बेधड़क रेंज का प्रभार दिया जा रहा है। कुछ डिप्टी रेंजर तो तगड़ी सेटिंग कर फुल फ्लैश रेंजर को रेंज से हटाकर स्वयं पदस्थ हुए हैं। जिसके चलते वरिष्ठ और कनिष्ठ वन अधिकारियों के बीच मतभेद देखने को मिलता है ।और विभागीय कार्यों में असमंजस्य भी उत्पन्न होती है। बावजूद इसके प्राथमिकता के साथ डिप्टी रेंजर को रेंज का चार्ज दिया जा रहा है। जिसे लेकर वन अधिकारियों मे काफी ज्यादा रोष दिखाई पड़ रहा है। तभी लगातार मंत्री अधिकारियों के दरवाजा खटखटाने काे मजबूर है। बकायदा रेंजर एसोसिएशन ने प्रदेश स्तर तक अपनी आपत्ती दर्ज कराया है। मगर अब तक किसी कार्यवाही देखने को नहीं मिल रहा है। सबसे मजेदार बात तो यह है कि वन अधिनियम के तहत रेंज का प्रभार पूरा अधिकार के साथ डिप्टी रेंजर काे नहीं दिया जा सकता बावजूद इसके उच्च अधिकारी किस तरह एवं किस नियम के तहत डिप्टी रेंजर को पूरा प्रभार दे रहे हैं। यह रेंजरो के समझ से बाहर है। इसलिए पूरे प्रदेश में सभी डिप्टी रेंजर की पूरी दस्तावेज मंगाई जा रहा है। ताकि न्यायालय की लड़ाई लड़ी जाए। और नियमानुसार रेंजरो को वन अधिनियम के तहत हक और अधिकार मिल पाए हालांकि इसके लिए रेंजर एसोसिएशन को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी क्योंकि संविधानिक पदों पर आसीन नेताओं के अलावा उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया गया। लेकिन अब तक किसी प्रकार कार्यवाही नहीं हो पाई है।
बी एन दुबे प्रदेश अध्यक्ष रेंजर एसोसिएशन : हमने मुख्यमंत्री मंत्री सहित उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है और अगर कार्यवाही नहीं होती तो आवश्यकता अनुसार न्यायालय मैं याचिका दायर किया जाएगा।