तिलकराम मंडावी/ डोंगरगढ़। शासकीय नेहरू कॉलेज में प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर के दिषा- निर्देषन में वाणिज्य व अर्थषास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वाधान में मार्केटिंग विशय पर एक दिवसीय अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में षासकीय महाविद्यालय छिंदवाडा के प्राध्यापक डॉ. अनिल जैन मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहेे। कार्यक्रम का षुभारंभ वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ईवी रेवती व अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरआर कोचे ने मुख्य वक्ता डॉ. अनिल जैन का स्वागत किया। डॉ. जैन ने एमकॉम बीकॉम व एमए अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों को विभिन्न व्यवहारिक उदाहरण देकर विपणन की विस्तृत जानकारी दी। डॉ. जैन ने हमारे जीवन में घटित होनें वाली विभिन्न घटनाआंे के माध्यम से विपणन को प्रभावी बनानें के लिए उपभोक्ता व्यवहार की जानकारी प्रदान करना आवष्यक बताया। आज के प्रतिस्पर्धा के युग में उपभोक्ता अथवा क्रेता ही भगवान है। उपभोक्ता व्यवसाय का भाग्य विधाता होता है। किसी व्यवसाय की सफलता अथवा असफलता अथवा किसी वस्तु को खरीदने अथवा न खरीदनें के निर्णय पर निर्भर करती है। विपणन हेतु व्यवसाय का पता होना चाहिए कि कौन, कब, क्या और कहा, कैसे और क्यों खरीदना चाहता है। यदि इनकी सही जानकारी हो जाएं तो वह सफल व्यवसायी बन जाएगा। उपभोक्ता व्यवहार को मनोवैज्ञानिक व आर्थिक रूप से प्रभावित किया जा सकता है। टीवी व समाचार पत्रों में चलने वालें विभिन्न विज्ञापन मनोवैज्ञानिक रूप से उस उत्पाद को खरीदनें के लिए प्रेरित करते है। बड़े पैकेट के मूल्य अधिक होने पर निम्न वर्ग के उपभोक्ता नहीं खरीद पाएंगे। इस बात को ध्यान में रखकर दो रूपये, पांच रूपये व दस रूपये के पैकेट बेच रहे है। जिनमें षैम्पू, बिस्किट, वॉषिंग पाउडर आदि षामिल है। प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर ने डॉ. अनिल जैन का परिचय देते बताया कि डॉ. जैन का अकादमिक सफर काफी लंबा है। उनके 16 लघु षोध प्रबंध, 60 सेमीनार, अनेक पत्र-पत्रिकाआंे में संपादक, सह-संपादक, लागत लेखांकन की पुस्तक के सहलेखक (राम प्रसाद एंड सन्स) इत्यादि के साथ-साथ डॉ. जैन अच्छे वक्ता भी है। विपणन के साथ-साथ डॉ. जैन की रूचि फिल्मो में अभिनय की भी है। विद्यार्थियों को फिल्म की षूटिंग कैसे होती है इसकी जानकारी भी उन्होने दी। डॉ. जैन की आने वाली फिल्म कलाकार आषुतोश राणा के साथ बच्चा गैंग है।
आज के प्रतिस्पर्धा के युग में उपभोक्ता अथवा क्रेता ही भगवान हैः डॉ. जैन
