रायपुर वॉच

डीजीपी ने ली चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई की समीक्षा बैठक, चिटफंड कंपनियों की संपत्ति चिह्नित कर संपत्ति कुर्की की कार्रवाई के दिये निर्देश

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रायपुर : पुलिस महानिदेशक डी एम अवस्थी ने चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध दर्ज अपराधों के सबंध मे राज्य के 27 जिलों से आये समस्त नोडल अधिकारी (अति.पुलिस अधीक्षकों) की बैठक ली । बैठक में अनियमित वित्तीय कंपनियों के दर्ज प्रकरणों की जिलेवार समीक्षा की गई। जो प्रकरण 23 जुलाई 2015 के बाद कायम किये गये हैं। जिनमें चालाना न्यायालय प्रस्तुत की जा चुकी है परन्तु संपत्ति चिन्हित नही की गई है। ऐेसे प्रकरणों मे डी.आई.जी. पंजीयक नवा रायपुर से प्रदेश मे स्थित चल एवं अचल संपत्ति का ब्यौरा प्राप्त कर तथा बैंको से जमा राशि के संबंध मे जानकारी प्राप्त कर बैकों एवं अन्य सरकारी संस्थानो से आरोपियों के चल एवं अचल संपत्तियों का पता कर कुर्की का अंतरिम आदेश हेतु शीघ्र प्रतिवेदन संबधित जिला कलेक्टर को भेजने के निर्देश दिये गये। जो प्रकरण अभी विवेचनाधीन है,उसमे संपत्ति चिन्हित नही की गई है तत्काल संपत्ति चिन्हित कर कुर्की की कार्यवाही करायी जाये।बैठक में निर्देश दिये गये कि संबंधित जिलों के कलेक्टर से समन्यव कर रायपुर में 07, बलौदाबाजार में 09, महासमुंद में 07 गरियाबंद में 01, बिलासपुर मे 15, रायगढ में 08, जांजगीर चांपा में 05, कोरबा में 01, दुर्ग में 08, राजनांदगॉव में 05, कबीरधाम में 01, बेमेतरा में 02, बलौदाबाजार में 06, सरगुजा में 05, जशपुर में- 03, कोरिया में-05,सूरजपुर मे 07,जगदलपुर- 02 और कांकेर में 09, प्रकरणों में कुर्की हेतु अंतरिम आदेश कराएं।पुलिस महानिदेशक द्वारा चिटफंड ,एनडीपीएस,शराब एवं महिला अपराधों के संबंध मे तत्काल कार्यवाही करने एवं पेंडिंग अपराधों का शीघ्र निकाल करने हेतु निर्देशित किया गया । राज्य के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को इन अपराधों के संबंध मे नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया। पुलिस महानिरीक्षक अअवि द्वारा चिटफंड के प्रकरणों मे फॉरेन्सिक ऑडिट के संबंध मे सभी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षको को समझाईश दी गई जिससें संपत्ति का सही पता हो सके एवं निवेशकों की धन राशि वापस की जा सके । दण्ड प्रक्रिया संहिता 173(8) में प्रस्तुत किये गये अभियोग पत्र के प्रकरणों के संबंध में निर्देशित किया की इन्हे पुलिस विवेचनाधीन प्रकरण ही मानकर विवेचना की जावें। साक्ष्य एकत्र कर अग्रिम कार्यवाही की जावें। बैठक में एजेंटो के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों में शासन के नीतिगत निर्णय के अनुसार गिरफ्तार एजेंटो को न्यायालय मे आवेदन प्रस्तुत करने हेतु जन जागरूकता लाये जाने तथा विवेचनाधीन प्रकरणो में एजेंटो को शासकीय गवाह बनाये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

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