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बाबा बछराज कुंवर धाम में गैर आदिवासियों ने बनाया ट्रस्ट, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

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बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में मानपुर गांव स्थित आदिवासियों के धार्मिक स्थल बाबा बछराज कुंवर धाम पर कब्जे का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। इसमें धार्मिक स्थल को नियंत्रित करने के लिए गैर आदिवासियों की ओर से बनाए जा रहे ट्रस्ट को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन से जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की बेंच में हुई। पारंपरिक आदिवासी महासभा ने अधिवक्ता सुशोभित सिंह, सुखनाथ पैकरा और चंद्र कुमार के माध्यम से जनहित याचिका प्रस्तुत की है। इसमें बताया गया कि राज्य के आदिवासी बाहुल्य सुदूर वन-अंचल बलरामपुर के ग्राम मानपुर में आदिवासियों का पूजनीय पवित्र स्थल बाबा बछराज कुंवर धाम है। सरगुजा संभाग के स्थानीय निवासियों और आदिवासियों का धाम के प्रति विशेष आस्था है। यह धाम प्राचीन होने के साथ ही अपनी मान्यता के लिए प्रसिद्ध है। अंग्रेज इतिहासकार सर क्रूक ने 1896 में प्रकाशित किताब ‘कास्ट एंड ट्राईब ऑफ नार्थ वेस्ट प्रोविंस एंड ओउध’ में इसका विस्तृत वर्णन किया है। लंबे समय से इस धाम का नियंत्रण और व्यवस्थापन स्थानीय आदिवासियों की ओर से अपनी प्रथानुसार किया जा रहा था। । धाम में आदिवासी अपनी परंपरागत विधि अनुसार पूजा करते थे। साथ ही वे अपनी मान्यताओं के अनुसार देवता को पूजते हैं। पूजा कार्य स्थानीय बैगा करता है और यहां बलि प्रथा भी प्रचलित है। संविधान की 5वीं अनुसूची में संरक्षित इस क्षेत्र को कुछ गैर आदिवासी ट्रस्ट के माध्यम से नियंत्रण करने का प्रयास कर रहे हैं। सरगुजा संभाग के करीब 30 ग्राम पंचायत और 9 स्थानीय संगठन ने इस संबंध में अनुविभगीय अधिकारी के समक्ष लिखित आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। याचिका में यह भी कहा कि गैर आदिवासियों की ओर से पूजा स्थल का नियंत्रण लेने के लिए ट्रस्ट बना रहे हैं।

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