- धूल से नहाना है तो बलरामपुर आइए, सडक़ इतनी जर्जर कि चलना है मुश्किल
आफताब आलम/ बलरामपुर : जगह-जगह से उखड़ चुकी है सडक़ डामर का नामोनिशान नहीं, फिर भी जिम्मेदार पद पर बैठे जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की नहीं आती नजरलरामपुर बलरामपुर-अंबिकापुर एनएच की सडक़ इन दिनों इतनी जर्जर हो गई है कि इस पर चलना काफी मुश्किल है। इस मार्ग पर दोपहिया वाहन से यदि सफर कर लिया तो धूल से नहाना तय है। एक बार किसी भारी वाहन के पीछे पड़ गए तो धूल से सराबोर हो जाएंगे। बलरामपुर से पहले सडक़ इतनी खराब है कि पुछिए मत। इसके बावजूद जिम्मेदार पदों पर बैठे जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को जनता की यह परेशानी नजर नहीं आती है। अंबिकापुर-बलरामपुर मार्ग की हालत खस्ता है। किसी को यदि उक्त मार्ग से जाना है तो सडक़ की हालत जानकर वह इन दिनों तौबा कर लेता है। बलरामपुर जाने वह अंबिकापुर-प्रतापपुर के बाद सेमरसोत तक का रास्ता तय करता है, जो अंबिकापुर-बलरामपुर मार्ग से 17 किलोमीटर ज्यादा पड़ता है। लेकिन जनता भी क्या करे, वह तो ऐसे लोगों के सामने विवश है जिन्हें चुनकर वह खुद लाया है।
धूल खाकर बीमार पड़ रहे लोग
अंबिकापुर-बलरामपुर मार्ग पर चलने वाले राहगीर धूल खाकर बीमार पड़ रहे हैं। जो लोग इस मार्ग के किनारे निवास करते हैं, उनके घर भी धूल से सने हुए हैं। सब परेशान हैं, लेकिन क्या करें, अपना दुखड़ा एक-दूसरे को सुनाते हुए जनप्रतिनिधियों को कोस रहे हैं।
दुर्घटनाग्रस्त हो रहे वाहन
खस्ताहाल हो चुकी उक्त सडक़ पर आए दिन छोटे-बड़े व भारी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। सडक़ की जर्जर हालत इसके लिए जिम्मेदार है। इस मार्ग पर चलने के दौरान वाहनों के पहिए बड़े-बड़े गड्ढे में पडक़र अनियंत्रित हो जाते हैं। ऐसे में दुर्घटना हो जाती है।