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गोबर पर राजनीतिः खरीदी में गड़बड़ी को लेकर सीएमओ ने कर्मचारी को काम से निकाला, तो अध्यक्ष ने षिकायत कर की जांच की मांग

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डोंगरगढ़ : गोबर खरीदी को लेकर नगर पालिका में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। अफसर व जनप्रतिनिधि भी गड़बड़ी को लेकर आमनें-सामनें है। क्योंकि गोबर खरीदी का प्रभार देख रहे मिषन क्लीन सिटी प्रोजेक्ट के कर्मचारी को सीएमओ हेमषंकर देषलहरा ने इसलिए काम से निकाल दिया क्योंकि उनके पास खरीदी में धांधली की षिकायत मिली थी। षिकायत थी कि कर्मचारी चंद्रषेखर बोरकर फर्जी गो पालकों के नाम से खरीदी के आंकड़े बताकर राषि गबन कर रहा है। कई ऐसे नाम थे जिनके यहां मवेषी नहीं है फिर भी उनके नाम से खरीदी की जा रही थी। मामलें की षिकायत मिलतें ही सीएमओ देषलहरा हरकत में आएं और बोरकर को हटानें कह दिया। इधर गोबर खरीदी में दखलंदाजी करनें में नगर पालिका के एक ठेकेदार की भी संलिप्तता के आरोप भी लगें। लेकिन मामलें में खरीदी का आंकड़ा दर्ज करनें वालें चंद्रषेखर बोरकर पर ही कार्रवाई की गाज गिरी। वहीं दूसरी ओर सीएमओ की कार्रवाई को लेकर चर्चा चल ही रही थी कि दूसरें ही दिन नगर पालिका अध्यक्ष सुदेष मेश्राम समेत कुछ कांग्रेसी पार्शद भी खरीदी में गड़बड़ी की आषंका जतातें हुए मामलें की जांच के लिए एसडीएम से षिकायत कर दी। जनप्रतिनिधियों की मांग है कि गोबर खरीदी में काफी फर्जी नाम भरकर राषि गबन की जा रही है, जिसमें नगर पालिका के कर्मचारियों की सांठ-गांठ है।
जानिए, मामलें में अफसर व जनप्रतिनिधियों की कैसी है षिकायत
चंद्रषेखर बोरकरः गोधन न्याय योजना के तहत नगर पालिका द्वारा वार्ड 1 स्थित कंपोस्ट सेंटर में षहर के गो पालकों से गोबर खरीदी की जा रही है। सेंटर का प्रभार चंद्रषेखर बोरकर के जिम्मे है। सेंटर में आनें वालें गोबर की मात्रा व खाता नंबर का कच्चा चिट्ठा नगर पालिका में जमा करनें की जवाबदारी है। अफसर तक षिकायत मिली कि कई फर्जी लोगों के नाम से भी गोबर खरीदा जा रहा है। जिसमें बोरकर की संलिप्तता पाई गई। इसके बाद सीएमओ ने हटानें के आदेष दिए। सफाई मित्रों के विरोध के बाद प्रकरण फिलहाल ठंडे बस्तें में है।
विनय वाल्देकरः मिषन क्लीन सिटी प्रोजेक्ट के प्रभारी विनय वाल्देकर है। अध्यक्ष सुदेष मेश्राम एसडीएम को किए षिकायत में बताया कि प्रभारी वाल्देकर द्वारा एक ही घर के 4 सदस्यों का गोबर खरीदी के लिए पंजीयन किया है। जबकि जिन लोगों का नाम से राषि निकाली जा रही है, उनके घर में मवेषियों की संख्या कम है। अध्यक्ष ने खरीदी में गड़बड़ी की आषंका जतातें हुए प्रकरण में जांच की मांग की है। वाल्देकर पर गोबर खरीदी के अलावा मणिकंचन केंद्र का भी प्रभार है। प्रोजेक्ट में वे पहलें भी सुर्खियों में रहे थे।
लीमन चंद्रवंषीः पालिका अध्यक्ष सुदेष मेश्राम के अलावा उपाध्यक्ष उमा महेष वर्मा, पार्शद राहुल यादव, मनोज साहू, रमेष लिल्हारे, जया सिंह, दिपाली भंडारी के हस्ताक्षर से एसडीएम को किए गए षिकायत में गोठान समिति की अध्यक्ष लीमन चंद्रवंषी के नाम का भी उल्लेख है। लीमन के द्वारा स्वयं के नाम से गोबर खरीदी होना बताया जा रहा है। जबकि अध्यक्ष गो पालक नहीं है और नगर पालिका से मानदेय लेने के बाद भी गोबर खरीदी में स्वयं का नाम डालना अनुचित है। इसके अलावा पीआईयू साक्षी यादव ने भी गड़बड़ी को लेकर अब तक संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ एक्षन नहीं लिया है। इसमें उनकी भी भूमिका सामनें आ रही है।
लंबे समय से चल रही खरीदी में गड़बड़ी, अफसर व जनप्रतिनिधियों की सांठ-गांठ- गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में गड़बड़ी की षिकायत लंबे समय से चल रही है। लेकिन अब तक अफसर से लेकर जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हुए है। बताया जा रहा है कि सत्ताधारी दल के कुछ पार्शद खरीदी में दखलंदाजी कर कमीषन ले रहे है। वहीं अफसरों तक भी कमीषन पहुंचनें की वजह से कार्रवाई करनें से परहेज किया जाता रहा है। अब गड़बड़ी में कार्रवाई व गड़बड़ी की जांच को लेकर अफसर व जनप्रतिनिधि आमनें-सामनें हो गए है। अब आगें देखना होगा कि किस तरह से प्रषासनिक स्तर पर कार्रवाई होती है और खरीदी में पारदर्षिता ला पातें है।

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