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एसडीएम ने किया राईस मिल का निरीक्षण, नियमों का उल्लंघन पाये जाने पर की कार्यवाही

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आफताब आलम/ बलरामपुर : खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए समर्थन मूल्य में धान खरीदी की जा रही है। धान खरीदी की प्रक्रिया में राईस मिलों की भी भूमिका होती है तथा उनके द्वारा धान का उठाव कर मीलिंग का कार्य किया जाता है। मिलर समय पर धान का उठाव करें तथा बारदाना उपलब्ध करवाएं एवं उनके द्वारा नियमों के अनुरूप मिल का संचालन हो। इस आशय से कलेक्टर श्री श्याम धावडे़ ने समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित करते हुए कहा था कि राईस मिलों की भी सयम-समय पर जांच की जाये। इसी क्रम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री अजय किशोर लकड़ा तथा खाद्य अधिकारी श्री शिवेन्द्र काम्टे ने विकासखण्ड बलरामपुर के झलपी स्थित मां संतोषी राईस मिल की जांच की। जांच के दौरान भौतिक सत्यापन में उन्होंने पाया कि कुल 11 हजार 9 सौ क्विंटल धान मिल को प्राप्त हो चुका है तथा जमा योग्य चावल में से 499 क्विंटल चावल स्टाॅक में कम पाया गया। साथ ही जांच दौरान बी-1 पंजी का अपूर्ण होना पाया गया तथा 15 दिसम्बर 2020 के बाद इन्द्राज भी नहीं किया गया। अनुविभागीय अधिकारी श्री लकड़ा ने बताया की राईस मिलर द्वारा कार्यालय कलेक्टर जिला बलरामपुर में कस्टम मिलिंग संबंधी मासिक विवरणी प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है तथा धान उपार्जन केन्द्र चान्दों में टैगिंग अनुसार राईसमिल से 9 हजार 939 नग पुराना बारदाना दिया जाना शेष है। माॅ संतोषी राईस मिल झलपी बलरामपुर का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 की कंडिका का स्पष्ट उल्लंघन है जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 07 के तहत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है तथा जांच प्रतिवेदन कार्यालय कलेक्टर को प्रस्तुत किया गया है।

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