टीकम निषाद/ देवभोग : प्रदेश के युवक-युवतियों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से स्वावलंबन बनाने के लिए सरकार लाखों रुपए पानी की तरह खर्च कर रही है । लेकिन इसका लाभ पिछड़ा हुआ इस क्षेत्र में नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि एकलौता सरदापुरत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में ना कंप्यूटर उपलब्ध है और ना प्रशिक्षण शिक्षक पदस्थ है। यहां तक प्राचार्य तक संस्थान में मौजूद नहीं होते। जबकि 1 जनवरी से भर्ती प्रक्रिया पूरा कर पढ़ाई शुरू किया जाना अनिवार्य है । लेकिन अफसोस की बात है कि सरदारपुर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था में किसी प्रकार पर्याप्त तो कंप्यूटर सिस्टम नहीं है। और गिनती के सिस्टम है तो सिखाने वाला प्रशिक्षण अधिकारी की पदस्थापना नहीं हो पाई है । ऐसे मैं भर्ती हुए प्रशिक्षणार्थियों केवल औपचारिक प्रशिक्षण निभाने के लिए मजबूर हैं । बावजूद इसके जिम्मेदार इस संस्था में झांकने तक की जहमत नहीं उठा रहे ।गौरतलब हो कि सरदारपुर में नव निर्माण शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था में 48 विद्यार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। जिनके लिए सिर्फ 7 कंप्यूटर सिस्टम रखा गया है । ऐसे में प्रशिक्षणार्थि किस तरह प्रशिक्षण लेते हैं इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। मतलब बच्चों को सैद्धांतिक पढ़ाई एवं प्रयोग पढ़ाई के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। सबसे दुख की बात तो यह है कि कोपा कोर्स के छात्र छात्राओं को एमएस वन एम एस एक्सेल पावर पॉइंट सहित छोटी-बड़ी जानकारी भी बाहर के जानकारों से लेना पड़ता है। इसके बाद भी प्रशिक्षणार्थियाे को प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था नहीं किया जा रहा है । जबकि प्रशिक्षण लेने के लिए 10 से 20 किलोमीटर का सफर तय कर प्रशिक्षणार्थि प्रशिक्षण संस्था पहुंचते हैं । और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की हालत से जिला एवं प्रदेश के जिम्मेदार अधिकारी अच्छी तरह अवगत होने के बाद भी एक दूसरे के ऊपर लापरवाही का टिकरा फोड़ते हुए बच निकलते हैं जिसका खामियाजा प्रशिक्षणार्थियों को आधा अधूरा पढ़ाई कर शांत होना पड़ता है यही वजह है कि संस्थान से पास आउट अधिकांश बच्चों के हाथ सफलता नहीं लग पाती।
ओपी विश्वकर्मा प्राचार्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान –: 2 लोग नौकरी छोड़ कर चले गए हैं और नियुक्ति की प्रक्रिया ज्वाइन डायरेक्टर स्तर पर किया जा रहा है एवं खराब कंप्यूटर के लिए भी पत्र लिखा गया है

