अक्कू रिजवी/ कांकेर। अपनी एक सूत्री मांग को लेकर लगातार आंदोलन रत पंचायत सचिवों तथा ग्राम रोजगार सहायकों ने आज एक मौलिक किस्म का प्रदर्शन करते हुए धरना स्थल पर भैंस को लाकर उसे शासन का प्रतीक बता कर उसके आगे बीन बजाई जिसका दर्शकों ने बहुत आनंद लिया। उल्लेखनीय है कि पंचायत सचिव तथा ग्राम रोजगार सहायक अपनी मांग को लेकर लगातार हड़ताल पर हैं तथा प्रतिदिन बदल बदल कर कोई ना कोई मौलिक कार्यक्रम करते रहे हैं। कल इन कर्मचारियों ने अपने-अपने धरना स्थलों पर ढोल नगाड़े बजाकर शासन के अधिकारियों के बहरे कानों में अपनी आवाज़ पहुंचाने का अभिनव प्रयास किया था। उसके बावजूद जब अधिकारियों ने अब तक ना उनसे बात की है ना कोई आश्वासन दिया है तो मजबूर होकर आज भैंस के सहयोग से प्रदर्शन करना पड़ा। आशा की जाती है कि शासन के अधिकारी जो बहुत पढ़े लिखे हैं “भैंस के आगे बीन बजाए ,,,,,,”का अर्थ तो समझते ही होंगे, यदि अब भी ना समझे तो समस्त छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिव तथा ग्राम रोजगार सहायक रायपुर पहुंच कर राजधानी में प्रदर्शन कर अपनी ताकत बताएंगे ।अब तो आम जनता भी पंचायत सचिवों के पक्ष में विचार रखने लगी है कि इनकी मात्र एक सूत्र की मांग का सरकार को अनुकूल फैसला कर देना चाहिए ।आज कांकेर जिले के नियमित व्याख्याता संघ के अध्यक्ष तथा सदस्यों ने भी धरना स्थल पर जाकर पंचायत सचिव लोगों की मांग का समर्थन कर दिया है जिनमें अध्यक्ष हेमंत टांक साले, ईश्वर लाल वर्मा, मोहम्मद असलम, राजेश सिंहदेव, श्रीमती भगवती कुंजाम, डॉक्टर कृष्णमूर्ति शर्मा तथा दीपक झा के नाम उल्लेखनीय हैं। इनके अलावा छत्तीसगढ़ अधिकारी/ कर्मचारी परिषद कांकेर ने भी अपना प्रतिनिधि भेज कर आंदोलन को नैतिक समर्थन दे दिया है। इस प्रकार अब तक कर्मचारियों की कई यूनियने पंचायत सचिवों के समर्थन में सामने आ चुकी हैं तथा इससे आंदोलन को दिन प्रतिदिन अधिकाधिक बल मिलता जा रहा है।
हड़ताली पंचायत सचिवों ने भैंस के आगे बीन बजाई, कल बजाए थे ढोल नगाड़े
