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चार राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस ने बनाई चुनाव प्रचार और प्रबंधन कमेटी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बनाया असम का वरिष्ठ पर्यवेक्षक

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  • इसके पहले भी असम में छत्तीसगढ़ से असम के प्रभारी प्रभारी सचिव हैं विकास उपाध्याय

रायपुर : कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को असम चुनाव में पार्टी का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है। उनको वहां चुनाव प्रबंधन और समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। असम में अप्रेल-मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इस नियुक्ति के जरिए कांग्रेस की रणनीति वहां छत्तीसगढ़ मूल के साहू और सतनामी समाज के लोगों को साधने की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस साल चुनाव वाले पांच राज्यों के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का आदेश जारी किया। असम में भूपेश बघेल के साथ मुकुल वासनिक और शकील अहमद को भी यह जिम्मेदारी मिली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार कर लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा दी गई इस जिम्मेदारी को मैं आभार पूर्वक स्वीकार करता हूं। कांग्रेस ने पिछले महीने रायपुर के विधायक और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय को राष्ट्रीय सचिव बनाकर असम का प्रभार सौंपा था। विकास उपाध्याय एक बार गुवाहाटी का दौरा कर संगठन की जमीनी स्थिति देख आए हैं। चुनाव को लेकर कांग्रेस की एक बैठक दिल्ली में चल रही है। विकास उपाध्याय उस बैठक में शामिल हैं। दो दिन बाद चुनाव प्रबंधन देखने वाली टीम का बड़ा हिस्सा गुवाहाटी चला जाएगा। विकास उपाध्याय भी एक सप्ताह के प्रवास पर असम जाएंगे। इस साल पांच राज्यों में चुनाव है। इसमें असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडू और पुडुचेरी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के दो नेताओं को वहां जिम्मेदारी देने के पीछे कांग्रेस की खास रणनीति है। लोवर असम छत्तीसगढ़ मूल के लोगों की आबादी निर्णायक है। असम में बसे छत्तीसगढ़ियों पर काम कर चुके संजीव तिवारी बताते हैं, वहां उनकी संख्या 5 से 7 लाख के बीच होगी। वे लोग 1890 से 1950 के बीच चाय बागानों में काम करने गये छत्तीसगढिया मजदूरों के वंशज हैं। उनमें से कई अब अच्छी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में हैं। इस वर्ग से चार विधायक हो चुके हैं। भाजपा के पास डिब्रूगढ़ सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली के रूप में छत्तीसगढ़िया मूल के लोगों का एक मजबूत चेहरा है। कांग्रेस की कोशिश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जरिए साहू और सतनामी समाज के पुराने कनेक्शन को पुनर्जीवित कर पिछड़ा वर्ग के वोटों के ध्रुविकरण की है। अगर ऐसा होता है कि राष्ट्रीय राजनीति में भूपेश बघेल का कद बड़ा हो जाएगा।

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