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नरवा स्ट्रक्चर देखा कलेक्टर ने, ग्रामीणों से की चर्चा, कहा इनके माध्यम से बढ़ेगा भूमिगत जल स्तर

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  • निपानी, अमलीडीह में नरवा स्ट्रक्चर देखे, इनके संबंध में दिये निर्देश
  • नरवा के 858 कार्य स्वीकृत, इनमें 596 निर्माण कार्य पूरे, ऐसे स्ट्रक्चर बनाये जा रहे जिससे भूमिगत जल के रिचार्ज में होगी तेजी और यह जिले में रबी के रकबे के विस्तार के लिए वरदान साबित होंगी

तापस सन्याल/दुर्ग : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना पर तेजी से कार्य दुर्ग जिले में हो रहा है। इसके एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट नरवा के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स की स्थिति देखने कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे निपानी और अमलीडीह पहुंचे। पाटन ब्लाक में 9 नालों में अभी नरवा के प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। कलेक्टर ने निपानी में नाले में बने स्ट्रक्टर देखे। इनमें लूस बोल्डर स्ट्रक्चर, रिटेनिंग वाल आदि देखे। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक भी उपस्थित थे। उन्होंने जिले में चल रही निर्माणाधीन योजनाओं की जानकारी कलेक्टर को दी। पूरे जिले में नरवा के नाला जीर्णोद्धार, बोल्डर चेक डेम, अंडर ग्राउंड डाइक, चेक डेम, परकुलेशन टैंक तथा बैंक प्रोटेक्शन के कार्य चल रहे हैं। ऐसे 858 कार्य 29 नालों के लिए स्वीकृत किये गए हैं। इनमें 596 कार्य पूरे हो चुके हैं। कलेक्टर ने आज ग्रामीणों से चर्चा के दौरान कहा कि नरवा योजना के अंतर्गत ऐसे स्ट्रक्चर तैयार किये गए हैं जो पानी की गति को मद्धिम कर देते हैं। इससे पानी नीचे रिसने लगता है और धीरे-धीरे भूमिगत जल का स्तर बढ़ने लगता है। नालों के किनारे रह रहे ग्रामीणों ने बताया कि वे पानी ले रहे हैं। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सारे निर्माण टेक्निकल तरीके से होने चाहिए। कोशिश हो कि न्यूनतम समय में यह कार्य पूरे हों। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से निर्माण कार्यों की मानिटरिंग करें। जिस तरह से निर्देश नरवा प्रोजेक्ट्स के संबंध में दिये गए हैं। निर्माण कार्य उसी तरह होने चाहिए। उन्होंने कहा कि नाला जीर्णोद्धार का कार्य भी बेहद जरूरी है। जहाँ सिल्ट आदि जम रहे हैं उन्हें हटाया जाए। इन ग्रामों के सरपंचों से चर्चा में कलेक्टर ने कहा कि नरवा प्रोजेक्ट आपके गाँव के लिए बेहद अहम है। इसके क्रियान्वयन पर नजर रखें। इस प्रोजेक्ट में ऐसे निर्माण कार्य किये जाने हैं जो पानी की गति को कम करते हैं इसके लिए अनेक तरह के स्ट्रक्चर हैं जो भूमिगत जल का स्तर बढ़ाने के लिए उपयोगी होते हैं। इनकी मानिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि नालों के एक-एक बूँद को सहेजने से भूमिगत जल के स्तर में बढ़ोत्तरी होगी। इससे आप रबी फसल भी ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि नरवा योजना का उद्देश्य है कि किसान केवल खरीफ तक सीमित न रखे। चूँकि अब धीरे-धीरे इस योजना के माध्यम से वाटर रिचार्ज की प्रगति होगी तो यह सिंचाई के लिए भी उपयोगी होगा। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने भी अधिकारियों को कहा कि नरवा से संबंधित डिजाइन काफी सोचसमझ कर और स्थानीय भौगोलिक स्थिति के मुताबिक तैयार किए जाएं ताकि अधिकतम लोगों तक इसका फायदा पहुंच सके।

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